Google News Preferred Source
साइड स्क्रोल मेनू

चुनावों के दृष्टिगत बिना बजट प्रावधान के खोले गए संस्थान: मुख्यमंत्री

हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, CM Sukhvinder Singh Sukhu Rresign

शिमला ।
राज्य की पूर्व भाजपा सरकार ने प्रदेश में मतदाताओं को लुभाने के एकमात्र उद्देश्य के साथ बिना किसी बजटीय प्रावधान और आवश्यक कर्मचारियों की भर्ती के बिना अपने कार्यकाल के अंत में 590 से अधिक संस्थान खोले थे। यह बात मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज नई दिल्ली से शिमला लौटने के उपरांत मीडिया कर्मियांे से बातचीत करते हुए कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम लगभग छः माह के दौरान मतदाताओं को गुमराह करने के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा, राजस्व और अन्य संस्थान खोलने के निर्णय जल्दबाजी मंे लिए। उन्होंने कहा कि इन सभी 590 संस्थानों को क्रियाशील बनाने के लिए लगभग 3000 करोड़ रुपये के बजट प्रावधान की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि राज्य 75 हजार करोड़ रुपये से अधिक के भारी वित्तीय कर्ज तले दबा हुआ है और डबल इंजन की सरकार होने का दावा करने वाली भाजपा सरकार को अपने कार्यकाल के दौरान केंद्र सरकार से एक पैसे की भी सहायता नहीं मिली।

इसे भी पढ़ें:  Himachal ED Raid: कफ सिरप के अवैध कारोबार और धन शोधन से जुड़े मामले में हिमाचल समेत चार राज्यों में ईडी का छापा..!

सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने 30 से अधिक ऐसे स्वास्थ्य संस्थान खोले जिनमें चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी की भी नियुक्ति नहीं की गई थी और बड़ी संख्या में ऐसे संस्थान भी खोले गए जो मात्र एक कर्मचारी द्वारा संचालित किए जा रहे थे। उन्होंने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि पूर्व भाजपा सरकार द्वारा जो एसडीएम कार्यालय खोले गए, उनमें एसडीएम ही तैनात नहीं किए गए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकांश संस्थानों में आस-पास के अन्य संस्थानों के कर्मचारियों को अस्थायी रूप से तैनात किया गया। जो न केवल नए खुले कार्यालयों के लिए निरर्थक साबित हो रहा था, बल्कि पहले से मौजूद संस्थानों के कामकाज में भी इसमें बाधा उत्पन्न हुई। उन्होंने कहा कि इस अवधि के दौरान खोले गए स्वास्थ्य संस्थानों में कार्यबल और मशीनरी का अभाव था जो केवल लोगों को गुमराह करने का एक चुनावी शिगूफा मात्र था। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पूरे मामले को जनता के समक्ष लेकर जाएगी और उन्हें पूर्व भाजपा सरकार की भ्रामक योजनाओं से अवगत करवाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने ऐसे सभी संस्थानों को बंद करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार द्वारा खोले गए इन सभी संस्थानों की पुनः समीक्षा की जाएगी और यदि व्यवहार्य और आवश्यक पाया गया तो उचित बजट प्रावधान करके उन्हें फिर से खोला जाएगा।

इसे भी पढ़ें:  जस्टिस एमएस रामचंद्र राव होंगे हिमाचल हाइकोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश

सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वर्तमान सरकार व्यवस्था परिवर्तन के लिए है न कि सत्ता-सुख के लिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि राज्य के लोगों की मांग एवं व्यापक हितों को ध्यान में रखते हुए यह संस्थान खोले जाएं। उन्होंने कहा कि जेओए (आईटी) पेपर लीक मामले में गिरफ्तारी से प्रतीत होता है कि प्रदेश में परीक्षा घोटाला पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल से चला आ रहा है। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि जब भी ऐसी परीक्षाएं हों तो सतर्क रहें ताकि परीक्षा प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके।

इसे भी पढ़ें:  Mid Day Meal Workers News: हिमाचल के मिड-डे मील वर्कर्स को सुप्रीम कोर्ट से लगा सुप्रीम झटका ,पलटा हाईकोर्ट का फैसला

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार राज्य में सीमेंट संयंत्रों से संबंधित मुद्दे के प्रति गंभीर है। उन्होंने कहा कि पूरा मामला सीमेंट प्लांट प्रबंधन और ट्रक ऑपरेटर्स यूनियन के बीच का है और इसे जल्द ही सुलझा लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में प्रदेश के लोगों को सीमेंट सस्ती दरों पर उपलब्ध करवाया जाएगा।
.0.

संस्थापक, प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया प्रजासत्ता पाठकों और शुभचिंतको के स्वैच्छिक सहयोग से हर उस मुद्दे को बिना पक्षपात के उठाने की कोशिश करता है, जो बेहद महत्वपूर्ण हैं और जिन्हें मुख्यधारा की मीडिया नज़रंदाज़ करती रही है। पिछलें 9 वर्षों से प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया संस्थान ने लोगों के बीच में अपनी अलग छाप बनाने का काम किया है।

Join WhatsApp

Join Now

Leave a Comment