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देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन अपने पहले ट्रायल में फेल, नहीं चढ़ पाई कालका से शिमला की चढ़ाई

देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन अपने पहले ट्रायल में फेल, नहीं चढ़ पाई कालका से शिमला की चढ़ाई

सोलन|
कालका से शिमला जा रही देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन का पहला ट्रायल फेल हो गया। गुरुवार को कालका से शिमला के लिये ये रेल निकली पर तकनीकी खामियों की वजह से अपना पहला सफर तय नहीं कर पाई। ट्रेन सेट कालका रेलवे स्टेशन से कुछ ही दुरी पर जाकर खड़ा हो गया। इसके बाद रेलवे ने तकनीकी टीम बुलाकर जांच की। जानकारी के अनुसार हाइड्रोजन ट्रेन ने अपना पहला सफर करीबन 40 सदस्यों की टीम के साथ करना था, जिसमें रेलवे के अधिकारी, इंजीनियर और मैकेनिकल स्टाफ शामिल थे।

गौरतलब है कि कालका-शिमला हेरिटेज रेलवे ट्रैक पर स्पेशल ट्रेन 28 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलाने की योजना है। यह ट्रेन सभी सुख सुविधाएं जैसे सीसीटीवी कैमरे, हीटर, डेस्टिनेशन बोर्ड, मोबाईल चार्जर पोर्ट से लैस है। इस ट्रेन में तीन बोगियां थी, जो आपस में इंटर कनेक्टेड थीं। बताया जा रहा है कि इसमें सुधार की आवश्यकता है और जल्द त्रुटियों को दूर कर इसका फिर से ट्रायल किया जाएगा।

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बता दें कि कालका-शिमला ट्रेक पर मौजूदा समय में डीजल इंजन संचालित हो रहे हैं। प्रदूषण को कम करने के लिए भारतीय रेलवे ने अपने विरासत मार्गों पर हाइड्रोजन ट्रेनों के संचालन की योजना बनाई है। हाइड्रोजन को प्रदूषण रहित स्वच्छ ईंधन माना जाता है। हाइड्रोजन ईंधन के इस्तेमाल से हानिकारक गैसों का शून्य उत्सर्जन होता है और सिर्फ जल वाष्प निकलते हैं, जो हरित आवरण में स्वच्छ और पर्यावरण के लिए अनुकूल माने जाते हैं। रेलवे का लक्ष्य डीजल से चलने वाले लोकोमोटिव (इंजन) को हाइड्रोजन इंजन में बदलना है, ताकि हरित ईंधन आधारित ट्रेनें उपलब्ध कराई जा सकें।

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