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हिमाचल की तीसरी कैबिनेट बैठक, 6 मार्च को, बजट सत्र से पहले फिर लिए जाएंगे अहम फैसले

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आज यहां आयोजित प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में पुरानी पैंशन योजना को अमलीजामा पहनाने का निर्णय लिया गया। इस निर्णय से लगभग 1.36 लाख कर्मचारी लाभान्वित होंगे तथा भविष्य में जो नए कर्मचारी सरकारी सेवा में नियुक्त होंगे, वे पुरानी पैंशन व्यवस्था में आयेंगे। इन कर्मचारियों को जीपीएफ के अन्तर्गत भी लाया जाएगा तथा जिन एनपीएस कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति 15 मई, 2003 के उपरान्त हुई है, उनको भावी तिथि से ओपीएस पैंशन दी जाएगी। नियमों में आवश्यक संशोधन के उपरान्त एनपीएस में सरकार और कर्मचारियों द्वारा जारी अंशदान 1 अप्रैल, 2023 से बन्द हो जाएगा। यदि कोई कर्मचारी एनपीएस के तहत शासित होना चाहते हैं तो वे अपनी सहमति एनपीएस में रहने के लिए सरकार को दे सकते हैं। ओपीएस लागू करने पर सरकार वर्ष 2023-24 में 1000 करोड़ रूपये अतिरिक्त व्यय करेगी। मंत्रिमंडल ने केन्द्र सरकार से प्रदेश की 8000 करोड़ रूपये एनपीएस राशि को लौटाने का प्रस्ताव भी पारित किया है। मंत्रिमंडल ने वित्त विभाग को इस सम्बन्ध में नियमों में बदलाव करने तथा आवश्यक निर्देश जारी करने को कहा है।

प्रजासत्ता ब्यूरो|
हिमाचल प्रदेश कैबिनेट की अगली बैठक 6 मार्च सोमवार को होगी। मार्च मह के पहले सप्ताह के भीतर राज्य मंत्रिमंडल की यह तीसरी बैठक होगी। हिमाचल प्रदेश सचिवालय के शिखर सम्मेलन हाल में दोपहर दो बजे से राज्य मंत्रिमंडल की बैठक शुरू होगी। बता दें कि इससे पहले 1 और 3 मार्च को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक हो चुकी है।

उल्लेखनीय है कि हिमाचल विधानसभा का बजट सत्र 14 मार्च से शुरू होना है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह 17 मार्च को बजट पेश करेंगे। माना जा रहा है कि सुक्खू सरकार बजट में अपने चुनावी वादों को जगह दे सकती है। मंत्रिमंडल की बैठक में बजट सत्र पर महत्वपूर्ण चर्चा होगी। माना जा रहा है कि कांग्रेस सरकार अपनी गारंटियों को बजट में शामिल कर जनता को राहत दे सकती है। बजट में शामिल की जाने वाली गारंटियों को लेकर इस मंत्रिमंडल की बैठक में महत्वपूर्ण चर्चा होगी।

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