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क्या सचिन तेंदुलकर की तरह सूर्यकुमार यादव की होगी धमाकेदार वापसी, रिकॉर्ड देख आप भी कहेंगे Its Possible

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नई दिल्ली: सूर्यकुमार यादव…इस बल्लेबाज ने टी-20 क्रिकेट में जो कमाल किया, उससे क्रिकेटप्रेमियों की उम्मीदें आसमान पर पहुंच गईं, लेकिन वनडे में वो इस तरह फ्लॉप हुआ कि दुनिया देखती रह गई। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई तीन मैचों की वनडे सीरीज में लगातार तीन बार शून्य पर आउट होने वाले सूर्यकुमार यादव के नाम शर्मनाक रिकॉर्ड दर्ज हो गया। वह लगातार तीन पारियों में गोल्डन डक (पहली बॉल पर आउट) वाले भारत के पहले बल्लेबाज बन गए। इस मामले में उन्होंने सचिन तेंदुलकर, अनिल कुंबले, जहीर खान, ईशांत शर्मा और जसप्रीत बुमराह को पीछे छोड़ा।

इसी तरह के फेज से गुजरे हैं सचिन तेंदुलकर

वैसे किसी स्टार बल्लेबाज के लिए खराब फॉर्म होना कोई नई बात नहीं है। महान सचिन तेंदुलकर भी अपने समय में इसी दौर से गुजरे थे, लेकिन जब उन्होंने वापसी की तो रनों की झड़ी लगा दी। हम बात कर रहे हैं उस संघर्ष की जिसका सामना हर क्रिकेटर करता है, लेकिन जब वह वापसी करता है तो दुनिया दंग रह जाती है। आइए जानते हैं कि सचिन तेंदुलकर से सूर्या को किस तरह मोटिवेशन मिल सकता है…

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पहली ही सेंचुरी जड़ने के बाद तीन बार डक पर आउट हो गए थे सचिन

ये समय था 17 सितंबर से 20 अक्टूबर 1994 के बीच का…खास बात यह है कि सचिन जब तीन में से पहली बार डक पर आउट हुए तो उससे पहले वे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कोलंबो में धमाकेदार शतक जड़कर आए थे। अहम बात यह भी है कि 9 सितंबर 1994 को ठोका गया ये शतक सचिन का भारत के लिए पहला 100 था। इसके बाद युवा खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर करोड़ों लोगों की उम्मीदें बनने लगे।

सूर्या की तरह सचिन से भी अगले मैचों में बड़ी पारी की उम्मीदें थीं, लेकिन वे अगले ही मैच में श्रीलंका के खिलाफ डक पर आउट हो गए। इसके बाद वे अक्टूबर में वेस्ट इंडीज के भारत दौरे पर फ्लॉप रहे। विंडीज के खिलाफ लगातार दो बार वह डक पर आउट हुए, जबकि तीसरे मैच में वह सिर्फ 8 रन ही बना सके। इसके बाद सवाल उठने लगा कि इस युवा बल्लेबाज का भविष्य क्या होगा। उस वक्त वनडे क्रिकेट चरम पर था। ऐसे में सचिन को लेकर चिंता बढ़ने लगी। उनकी आलोचना शुरू तो वे अगले ही मैच में ऐसे लौटे कि पब्लिक के रौंगटे खड़े कर दिए।

सेंचुरी ठोक मचाया हाहाकार

न्यूजीलैंड के खिलाफ वड़ोदरा में 21 साल के सचिन तेंदुलकर ने एक बार फिर सेंचुरी ठोक हाहाकार मचा दिया। उन्होंने 115 रन की शानदार पारी खेली। तेंदुलकर की इस धमाकेदार वापसी का आलम ये रहा कि वे एक के बाद एक मैचों में ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते रहे। वेस्ट इंडीज के खिलाफ 34, न्यूजीलैंड के खिलाफ 62, वेस्ट इंडीज के खिलाफ 66, 54, 88 और 105 रन ठोक सचिन ने क्रिकेट के गलियारों में धूम मचा दी। साल का अंत सचिन ने शतक ठोक पूरा किया और वह विल्स वर्ल्ड सीरीज के प्लेयर ऑफ द सीरीज बने।

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47.34 की औसत बनाए रन

लगातार तीन बार डक पर आउट होने के बाद सचिन ने 2 शतक और 4 अर्धशतक जड़े। इस साल उन्होंने 25 मैचों में न सिर्फ 1 हजार रन का आंकड़ा पार किया बल्कि 47.34 की औसत से रन बनाए। इसमें कुल 3 शतक और 9 अर्धशतक शामिल रहे। इसके बाद सचिन तेंदुलकर इतिहास रचते गए और आज टेस्ट हो या वनडे हर जगह वह शीर्ष पर हैं। उम्मीद की जा सकती है कि सचिन की तरह ही सूर्या जल्द ही धमाकेदार वापसी करेंगे।

सूर्यकुमार यादव का वनडे में रिकॉर्ड

  • 23 मैच, 433 रन, 24.05 का औसत
  • हाईऐस्ट स्कोर 64 रन, 2 अर्धशतक
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T-20 रिकॉर्ड

  • 48 मैच, 46 ईनिंग, 1675 रन
  • हाईऐस्ट स्कोर 117 रन, औसत 46.52
  • 3 शतक 13 अर्धशतक

टेस्ट रिकॉर्ड

  • 1 मैच 1 ईनिंग 8 रन



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