हिमाचल की करोड़ों रुपयों की खनिज संपदा को लूट रहा पंजाब का खनन माफिया

बलजीत । इंदौरा
-हज़ारों एकड़ सरकारी भूमि का मामला कोर्ट में लम्बित होने के कारण माइनिंग विभाग नहीं कर पा रहा नीलामी ।
हिमाचल सरकार की हज़ारों एकड़ जमीन पर भू माफिया कुंडली मार कर बैठा हुआ है और आज तक प्रदेश सरकार के किसी भी सरकारी अधिकारी का इस ओर ध्यान नहीं गया है व्यास दरिया के साथ साथ लगता जितना भी एरिया फतेहपुर व इंदौरा विधानसभा में पड़ता है बहाँ पर हजारों एकड़ सरकारी जमीन पर भू माफिया अपना कब्जा जमाए हुए है। इस सरकारी जमीन में लाखों टन खनिज संपदा है और यह जमीन अधिकतर पंजाब और हिमाचल की सीमा के साथ लगती है।

इस सरकारी जमीन से सैकड़ों रास्ते पंजाब को जाते हैं जिसका फाइदा उठा कर पंजाब का माइनिंग माफिया दिन रात हिमाचल की खनिज संपदा को दोनों हाथों से लूट रहा है। अब इसे पूर्व में या बर्तमान में रही प्रदेश की सरकारों की नाकामी कहें या इसके पीछे कोई और ही कारण है यह तो प्रदेश सरकार के अधिकारी ही बता सकते हैं, परन्तु अगर प्रदेश सरकार अपनी इस खनिज संपदा की ओर ध्यान केंद्रित करे तो सरकार को इस खनिज संपदा से करोड़ों रुपयों की आमदन हो सकती है जिस सरकारी जमीन से पंजाब का माइनिंग माफिया व प्रदेश का भू माफिया प्रदेश सरकार को करोड़ों रुपयों का चुना लगा रहा है।

जिस प्रकार प्रदेश सरकार ने माइनिंग विभाग के माद्यम से प्रदेश में कई जगह सरकारी जमीनों में मौजूद खनिज संपदा की नीलामी कर करोड़ों रुपये सरकारी राजस्व में एकत्रित किये हैं उसी तरह प्रदेश सरकार को व्यास दरिया में मौजूद इस खनिज संपदा को भी नीलामी प्रक्रिया में डालना चाहिए अन्यथा प्रदेश सरकार की इस हज़ारों एकड़ भूमि से पंजाब का माइनिंग माफिया व भू माफिया यूँ ही अपनी तिजोरियां भरता रहेगा।
हिमाचल के फतेहपुर विधानसभा में पड़ते रियाली से लेकर इंदौरा के मिलवां तक यह हज़ारों एकड़ का यह सरकारी भूमि पूर्ण रूप से खनिज संपदा से भरी पड़ी है अगर सरकार इस खनिज संपदा की ओर अपना ध्यान केंद्रित करे, तो इससे प्रदेश सरकार को करोड़ों रुपयों की आमदन हो सकती है और इसके साथ साथ हज़ारों लोगों को रोजगार भी मिल सकता है।

जब इस विषय पर राज्य भू वैज्ञानिक पुनीत गुलेरिया से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मण्ड के इस क्षेत्र में करोड़ों रुपयों की खनिज संपदा मौजूद है और हमने इसके सारे कागज तैयार किये हुए हैं परन्तु मामला माननीय हाई कोर्ट में विचाराधीन होने के कारण हम इस पर कोई कार्य नहीं कर पा रहे हैं।जब तक इसका फैंसला माननीय हाई कोर्ट में नहीं होता तब तक इस प्रोजेक्ट पर काम नहीं किया जा सकता।

Tek Raj
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