Himachal News: हिमाचल प्रदेश राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड (एचपीएसईबीएल) के तीन पूर्व अभियंताओं और मेसर्स गिलवर्ट इस्पात प्राइवेट लिमिटेड के दो निदेशकों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है। इस कार्रवाई से बिजली बोर्ड में हड़कंप मच गया है। यह कार्रवाई बोर्ड के अध्यक्ष संजय गुप्ता की शिकायत के आधार पर की गई है।
जानकारी के मुताबिक सतर्कता ब्यूरो ने तत्कालीन मुख्य अभियंता (संचालन) राजेश कुमार ठाकुर, अधीक्षण अभियंता (संचालन) अनूप धीमान, और मुख्य अभियंता (वाणिज्यिक) वाई.आर. शर्मा के साथ-साथ मेसर्स गिलवर्ट इस्पात के निदेशक अभिन मौदगिल और उमेश मौदगिल के खिलाफ कानूनी धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है।
सूत्रों के अनुसार, मार्च 2025 में संजय गुप्ता ने सतर्कता मुख्यालय में एक शिकायत दर्ज की थी, जिसके बाद मामले की जांच के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव (सतर्कता) से मंजूरी ली गई। जांच में पाया गया कि मेसर्स गिलवर्ट इस्पात प्राइवेट लिमिटेड, बरोटीवाला को नियमों का उल्लंघन करते हुए बिजली का पुनः कनेक्शन प्रदान किया गया।
यह कनेक्शन हिमाचल प्रदेश विद्युत नियामक आयोग (एचपीईआरसी) आपूर्ति कोड, 2009 की धारा 7.2.1 का उल्लंघन करते हुए बकाया राशि के भुगतान के बिना दिया गया। शिकायत में यह भी आरोप है कि इस कनेक्शन की मंजूरी की प्रक्रिया 6 अक्टूबर 2012 को असामान्य रूप से जल्दबाजी में दो बार पूरी की गई, जिसमें वित्त और लेखा (एफएंडए) विभाग की अनिवार्य मंजूरी को भी नजरअंदाज किया गया।
इस अनियमितता से मेसर्स गिलवर्ट इस्पात को अनुचित लाभ पहुंचा, जिसके परिणामस्वरूप बिजली बोर्ड को 11.84 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ। इसके अलावा, बरोटीवाला विद्युत उपमंडल कार्यालय द्वारा खातों का मिलान भी नहीं किया गया, जो इस मामले में और गंभीर अनियमितता को दर्शाता है। सतर्कता ब्यूरो ने इस मामले में गहन जांच शुरू कर दी है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही जा रही है।











