Himachal News: हिमाचल प्रदेश के जल शक्ति विभाग में बंपर भर्ती करने की तैयारी शुरू हो गई है। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में गत शुक्रवार को सचिवालय में चली लंबी बैठक में यह निर्णय लिया गया कि विभाग में अब ठेकेदारी प्रथा को खत्म करते हुए 4,852 पदों पर सीधी और नियमित भर्ती की जाएगी। इस महत्वपूर्ण मामले को अब आगामी कैबिनेट की बैठक में अंतिम मंजूरी के लिए लाया जाएगा।
बैठक में पंप ऑपरेटर, पैरा पंप और पैरा फिटर के 1,726 पदों को तत्काल भरने की मंजूरी दी गई है। सबसे बड़ा बदलाव आउटसोर्स पर चल रहे 4,136 पदों को लेकर किया गया है। इन पदों को भी अब विभागीय स्तर पर भरने का फैसला लिया गया है, जिससे सरकारी खजाने पर ₹73 करोड़ का बोझ कम होगा, क्योंकि ठेकेदार को दिए जाने वाले ₹98 करोड़ के मुकाबले विभाग को केवल ₹25 करोड़ ही खर्च करने होंगे।
इसके अलावा विभाग में वर्क इंस्पेक्टर के 111, जेई के 100 और 9 हाइड्रोलॉजिस्ट के पद भी भरे जाएंगे। करुणामूलक आधार पर भी आश्रितों को बड़ी राहत मिली है। 76 पदों को भरने के बाद अब 505 पदों के लिए आश्रितों के दस्तावेज सही पाए गए हैं और इन पदों को भरने के लिए भी कैबिनेट का एजेंडा तैयार किया गया है।
कर्मचारियों के सेवा नियमों में बदलाव करते हुए जल रक्षकों को बड़ी राहत दी गई है। अब उन्हें 12 साल के बजाय केवल 8 साल बाद ही पंप अटेंडेंट बनाया जाएगा।
सरकार पहले ही 1,346 जल रक्षकों को पंप अटेंडेंट बना चुकी है और शेष को भी जल्द ही इसका लाभ मिलेगा। विभाग ने यह भी सुनिश्चित किया है कि पंप और पैरा फिटर जैसे कर्मचारियों को सम्मानजनक वेतन मिलेगा, जो वर्तमान में मिल रहे ₹5 से ₹6 हजार से कहीं अधिक होगा। साथ ही जल शक्ति विभाग में मल्टी टास्क वर्करों के लिए भी एक नई पॉलिसी बनाने का निर्णय लिया गया है, जिसका एजेंडा भी कैबिनेट में भेजा जा रहा है।










