Himachal Scholarship Scam: हिमाचल प्रदेश के बहुचर्चित स्कॉलरशिप घोटाले की जांच अब अहम पड़ाव पर है। 250 करोड़ रुपये से ज्यादा की इस धांधली में हिमाचल के साथ-साथ अन्य राज्यों के 266 शिक्षण संस्थान संदेह के घेरे में हैं। इनमें से 17 की पड़ताल पूरी हो चुकी है। अब सीबीआई बनाम अरविंद राज्टा (चालान नंबर-1) केस में 14 नवंबर को आरोप तय होंगे।
उल्लेखनीय है कि सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में चल रही कार्यवाही के दौरान ऊना के केसी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट के वाइस चेयरमैन हितेश गांधी को बड़ा झटका लगा। उन्होंने दावा किया कि सीबीआई की जांच अभी अधर में है और कई संस्थानों से जुड़ी सप्लीमेंट्री चार्जशीट बाकी हैं। इसलिए आरोप तय करने की कार्रवाई टाल दी जाए, वरना उनके अधिकारों का उल्लंघन होगा। लेकिन स्पेशल जज (सीबीआई) डॉ. परविंदर सिंह अरोड़ा ने इसे सुनवाई टालने की कोशिश करार देते हुए याचिका खारिज कर दी।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि चालान नंबर-1 की जांच पूरी हो चुकी है और अब आरोप गठित करने का वक्त है। मामले को 14 नवंबर के लिए निर्धारित किया गया है, जब आरोप तय करने की औपचारिक प्रक्रिया संपन्न होगी। अरविंद राज्टा और हितेश गांधी को अगली तारीख में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हाजिर होने के आदेश दिए गए हैं।
बता दें कि 7 मई 2019 को दर्ज यह केस अब अंतिम दौर में है। सीबीआई ने अब तक 12 चार्जशीट दाखिल की हैं। सीबीआई के अनुसार, कुछ संस्थानों ने केंद्र की स्कॉलरशिप स्कीम की राशि फर्जी छात्रों के नाम पर हड़प ली। जांच में सामने आया कि हितेश गांधी ने साथी आरोपियों के साथ मिलकर उन छात्रों की झूठी लिस्ट तैयार की, जो संस्थान छोड़ चुके थे, और उनके नाम पर रकम निकाल ली। एफआईआर 7 मई 2019 को दर्ज हुई। पहली चार्जशीट 30 मार्च 2020 को पेश की गई। सीएफएसएल रिपोर्ट 5 अप्रैल 2021 को कोर्ट में आई। 10 जुलाई 2025 को अभियोजन ने आरोपों का ड्राफ्ट सौंपा और 6 अगस्त 2025 को अपनी दलीलें पूरी कीं।











