Himachal News: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में दायर याचिका के माध्यम से जुब्बल शाही परिवार की सदस्य और रग्बी प्रचारक दिव्या कुमारी जुब्बल ने अभिनेता राहुल बोस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका आरोप है कि बोस ने एक फर्जी हिमाचली डोमिसाइल (मूल निवासी प्रमाणपत्र) बनवाकर राज्य की रग्बी संघ की चुनावी प्रक्रिया में गलत तरीके से हस्तक्षेप किया तथा व्यक्तिगत लाभ लेने का प्रयास किया।
दिव्या कुमारी के अनुसार, उन्होंने पिछले दो वर्षों तक हिमाचल प्रदेश में रग्बी खेल के विकास के लिए निस्वार्थ भाव से काम किया। उन्होंने चार जिलों शिमला, कुल्लू, सिरमौर और सोलन में टीमें गठित कीं और अपने निजी संसाधनों से खिलाड़ियों को राष्ट्रीय स्तर के आयोजनों में भाग लेने के अवसर प्रदान किए। उन्होंने बताया कि भारतीय रग्बी फुटबॉल यूनियन (IRFU) ने उन्हें ही राज्य में खेल के प्रमुख प्रतिनिधि के रूप में मान्यता दी थी और सभी महत्वपूर्ण निर्णयों में शामिल किया था।
जानकारी के अनुसार शाही परिवार से रिश्ता रखने वाली दिव्या कुमारी राहुल बोस के खिलाफ कोर्ट में पहुंच गई हैं। उन्होंने अभिनेता के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है, साथ ही जांच की मांग भी की है।
मूल निवासी प्रमाणपत्र पर बड़ा सवाल
याचिकाकर्ता ने राहुल बोस के डोमिसाइल प्रमाणपत्र पर गहरी शंका जताई है। उनके अनुसार, बोस ने 24 सितंबर, 2025 को एक डोमिसाइल प्रमाणपत्र प्राप्त किया, जिसमें दावा किया गया कि वे पिछले 16 वर्षों से कसौली (हिमाचल प्रदेश) के निवासी हैं। दिव्या इस दावे पर सवाल उठाती हैं क्योंकि राहुल बोस का सार्वजनिक रिकॉर्ड जिसमें उनका निवास स्थान, आधार कार्ड और पासपोर्ट मुंबई से जुड़ा हुआ है और वे पहले महाराष्ट्र से चुनाव भी लड़ चुके हैं।
दिव्या का आरोप है कि यह डोमिसाइल प्रमाणपत्र विशेष रूप से IRFU के चुनावों में हिमाचल प्रदेश से एक प्रत्याशी के तौर पर खड़े होने की पात्रता हासिल करने के लिए बनवाया गया था। उनका कहना है, “उन्हें पता था कि इस बार महाराष्ट्र से नामांकन नहीं मिलेगा, इसलिए हिमाचल से चुनाव लड़ने के लिए फर्जी डोमिसाइल का सहारा लिया गया।”
नई संस्था के गठन पर भी आपत्ति
दिव्या कुमारी ने एएनआई से बातचीत में एक और गंभीर मुद्दा उठाते हुए बताया कि 18 अक्टूबर, 2025 को बिना किसी चुनाव प्रक्रिया, जिला प्रतिनिधित्व या ऑडिटेड खातों के एक नए संगठन ‘हिमाचल रग्बी एसोसिएशन’ का गठन किया गया। आश्चर्यजनक रूप से, महज आठ दिनों के भीतर (26 अक्टूबर को) इस नए संगठन को स्थायी मान्यता प्रदान कर दी गई। दिव्या का आरोप है कि यह सब कुछ राहुल बोस को चुनाव में नामांकन दाखिल करने के रास्ते खोलने के लिए जल्दबाजी में किया गया, जबकि वास्तविक कार्य कर रहे लोगों को पूरी तरह दरकिनार कर दिया गया।
दिव्या कुमारी ने कहा, “हमारे खिलाड़ी और उनके अभिभावक लगातार पूछ रहे थे कि हमें राज्य संघ की मान्यता क्यों नहीं मिल रही। हम IRFU पर भरोसा किए हुए थे, लेकिन अब पता चला कि यह कोई खेल विकास की योजना नहीं, बल्कि एक चुनावी रणनीति थी।” उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रकरण ने हिमाचल के रग्बी समुदाय का भरोसा तोड़ दिया है।
“सेलिब्रिटी कानून से ऊपर नहीं”
दिव्या कुमारी ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “हमने सभी सबूत हाई कोर्ट में पेश कर दिए हैं। कोई भी सेलिब्रिटी कानून से ऊपर नहीं है। हमारी मांग सिर्फ हिमाचल के युवा खिलाड़ियों के लिए न्याय की है।” उन्होंने डोमिसाइल जारी करने की प्रक्रिया में हुई अनियमितताओं की जांच की मांग करते हुए पूछा, “एक बाहरी व्यक्ति को इतनी आसानी से हिमाचली डोमिसाइल कैसे मिल गया? नियम सबके लिए एक समान होने चाहिए। इसकी पूरी तरह से जांच होनी चाहिए।”
उन्होंने अंत में न्यायपालिका पर अपना विश्वास जताते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अदालत हिमाचल प्रदेश के युवा खिलाड़ियों के हितों की रक्षा करते हुए न्यायोचित फैसला सुनाएगी।











