IGMC Shimla Viral Video: राजधानी शिमला के आईजीएमसी अस्पताल के श्वास रोग विभाग में एक डॉक्टर और एक मरीज के बीच हिंसक झड़प की खबर सामने आई है। इस घटना में मरीज की नाक से खून बहने की सूचना है। इस मामले के बाद से मरीज के रिश्तेदार नाराज़ हैं और अपराधी डॉक्टर को नौकरी से हटाने की मांग कर रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक मरीज का नाम अर्जुन बताया जा रहा है, जो इलाज के लिए अस्पताल आया था। परिवार के लोगों का आरोप है कि डॉक्टर ने गलत तरीके से बातचीत शुरू की और बाद में मरीज के साथ हाथापाई पर उतर आया। घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें एक डॉक्टर को मरीज के चेहरे पर मुक्का मारते हुए देखा जा सकता है, जबकि एक अन्य डॉक्टर मरीज का पैर पकड़े हुए दिखाई दे रहा है।
आईजीएमसी अस्पताल के प्रबंधन ने इस पूरी स्थिति की जांच शुरू कर दी है। असली दोषी कौन है, यह जांच के बाद ही सामने आ पाएगा। मरीज के साथ आए परिजनों ने अस्पताल में शोरगुल किया और डॉक्टरों पर गंभीर आरोप लगाए।
#IGMCShimlaViralVideo: डॉक्टर और मरीज के बीच हिंसक झड़प का वीडियो वायरल, जांच शुरूhttps://t.co/T8IJuY5FWw pic.twitter.com/wsppDS1dH2
— Prajasatta (@prajasattanews) December 22, 2025
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मरीज शिमला के कुपवी इलाके के रहने वाले हैं और एक निजी शिक्षण संस्थान में पढ़ाते हैं। वे आईजीएमसी में एंडोस्कोपी करवाने आए थे। बताया जाता है कि मरीज एंडोस्कोपी करवाने आया था, तो डॉक्टर ने उसे कुछ देर बिस्तर पर आराम करने को कहा। जब वह एक खाली बिस्तर पर सो रहे थे, तो एक मास्क पहने डॉक्टर आया और अशिष्ट व्यवहार करने लगा।
परिजनों ने डॉक्टर को बताया कि उन्हें ही यहां आराम करने को कहा गया था। लेकिन डॉक्टर ने गुस्से में आकर अशालीन भाषा का प्रयोग किया और हिंसा पर उतर आया। हालांकि, कुछ सूत्रों के अनुसार मरीज ने भी स्वयं को बचाते हुए डॉक्टर को लात मारी थी।
डॉक्टर ने मरीज के चेहरे पर कई मुक्के मारे, जिससे उसकी नाक से खून निकलने लगा। घटना के बाद जब परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया तो पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और पीड़ित पक्ष को अपने साथ थाने ले गई। परिजनों ने दोषी डॉक्टर और अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की। फिलहाल, इस मामले की जांच चल रही है।
आईजीएमसी अस्पताल प्रबंधन ने कथित डॉक्टर-मरीज हमले की घटना की जांच शुरू कर दी है। अस्पताल प्रबंधन को शाम 5 बजे तक रिपोर्ट मिलने के बाद इस मामले पर कोई निर्णय लेने की उम्मीद है। अस्पताल के मेडिकल अधीक्षक डॉ राहुल राव ने बताया कि प्रारंभिक जांच श्वास रोग विभाग के अध्यक्ष की अध्यक्षता वाली एक समिति कर रही है।
वहीँ पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने इस घटना पर कहा कि आईजीएमसी में मरीज के साथ हुई हिंसा की घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसा नहीं होना चाहिए था। इस तरह की घटनाएं हमारी पेशेवर क्षमता और दक्षता पर भी सवाल उठाती हैं। मुख्यमंत्री को स्वयं इस मामले पर ध्यान देना चाहिए और निष्पक्ष जांच करानी चाहिए। साथ ही, आईजीएमसी प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।











