Google News Preferred Source
साइड स्क्रोल मेनू

हिमाचल में पुलिस कांस्टेबलों को 8 साल बाद ही मिलेगा संशोधित वेतनमान, याचिका ख़ारिज

HP News: Himachal Bhawan Delhi:, Himachal News, CPS Appointment Case, Himachal HIGH COURT, Himachal High Court Himachal High Court Decision Shimla News: HP High Court Himachal News Himachal Pradesh High Court

शिमला|
हिमाचल प्रदेश के हजारों पुलिस कांस्टेबलों को दो साल की नियमित सेवा के बाद संशोधित वेतनमान मिलने की उम्मीदों को हाईकोर्ट ने झटका दे दिया है| बता दें कि पुलिस कर्मियों द्वारा दायर याचिका को हाईकोर्ट ने ख़ारिज कर दिया है| बता दें कि पुलिस विभाग में कांस्टेबल की भर्ती नियमित आधार पर होती है, पर वेतनमान अनुबंध के बराबर भी नहीं मिलता है। प्रदेश का यह इकलौता ऐसा विभाग है, जहां नियमित के बराबर वेतनमान आठ साल के सेवाकाल के बाद मिलते हैं। आठ साल के फेर में हजारों पुलिस कर्मी फंसे हुए हैं।

बता दें कि हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने जयराम सरकार की दलीलों और नियमों एवं कानून के मद्देनजर पुलिस कर्मियों की याचिका को खारिज करते हुए कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि भर्ती के समय आवेदकों को स्पष्ट रूप से बताया गया था कि वह किस वेतनमान के पात्र होंगे और कितने समय बाद उन्हें संशोधित वेतनमान दिया जाएगा। इसके बावजूद अगर उन्होंने भर्ती प्रक्रिया में भाग लिया और शर्तों को स्वीकार किया तो उसके बाद अब उसे चुनौती देना सही नहीं होगा।

इसे भी पढ़ें:  हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया हिमाचल दिवस समारोह

हालांकि न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की एकल पीठ ने अपने निर्णय में स्पष्ट किया है कि अगर सरकार संशोधित वेतनमान लाभार्थियों को देना चाहे तो उस स्थिति में कोर्ट का यह फैसला किसी भी तरह से आड़े नहीं आएगा।

याचिका पर सुनवाई के दौरान सरकार ने कोर्ट को बताया कि संशोधित वेतनमान 1 जनवरी 2015 से पूर्व भर्ती हुए कांस्टेबल को ही देय है व सरकार की यह व्यवस्था कानूनों को देखते हुए बनाई गई है। वहीं, याचिकाकर्ताओं की ओर से याचिका के माध्यम से कोर्ट को बताया कि सभी प्रार्थी 1 जनवरी 2015 से पूर्व भर्ती हुए कांस्टेबलों की तरह अपनी सेवाएं दे रहे हैं लेकिन प्रदेश सरकार 1 जनवरी 2015 से पूर्व भर्ती कांस्टेबल स्कोर संशोधित वेतनमान का लाभ दो वर्ष की नियमित सेवाओं के बाद दे रही है जबकि उन्हें यह लाभ 8 वर्ष की नियमित सेवाओं के बाद दिया जाता है जो की कानून के विपरीत है। सभी पक्षों को सुनने और नियमों व दस्तावेजों का अध्ययन करने के बाद कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया। 

इसे भी पढ़ें:  हिमाचल मंत्रिमंडल की बैठक आज : इस प्रोजेक्ट को मिल सकती है स्वीकृति

गौर हो कि हिमाचल प्रदेश में पहले कांस्टेबल को नियमित जैसा ही वेतनमान मिलता था, लेकिन 2012 में अनोखी शर्त लगाई। वित्त विभाग ने इसे 2013 से लागू कर दिया। इसके अनुसार कांस्टेबल का पद तो नियमित होगा, पर पूरे वेतनमान के लिए आठ साल तक इंतजार करना होगा। इसके बाद पुलिस कल्याण संघ ने गृह विभाग, डीजीपी को कानूनी नोटिस दिया। इस बीच 2015 में तत्कालीन सरकार ने मंत्रिमंडल की बैठक में लिए फैसले के बाद 2013 के बैच को तीन साल के सेवाकाल के बाद ही पे बैंड जारी कर दिया था। आदेश 2016 में जारी किए। इसके बाद के सभी बैच के लिए आठ साल की ही शर्त लगा दी। यह अब तक जारी है।

इसे भी पढ़ें:  पांच साल में हिमाचल के 58 विधायकों की संपत्ति में औसतन 12 करोड़ की वृद्धि

उल्लेखनीय है कि वित्त विभाग ने दूसरे विभागों के लिए भी शर्त लगाई है। जैसे ही कोई कर्मी अनुबंध से नियमित होगा, उसे अगले दो साल तक प्रोबेशन पर रखा जाएगा, प्रोबेशन पीरियड पूरा होने के बाद ही पूरे वित्तीय लाभ मिलेंगे। यानी पांच साल के सेवाकाल के बाद ये लाभ जारी होंगे। अनुबंध कार्यकाल तीन वर्ष का है। यह भी दो साल करने की तैयारी है। जबकि दिहाड़ीदार भी पांच साल के सेवाकाल के बाद नियमित होते हैं।

संस्थापक, प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया प्रजासत्ता पाठकों और शुभचिंतको के स्वैच्छिक सहयोग से हर उस मुद्दे को बिना पक्षपात के उठाने की कोशिश करता है, जो बेहद महत्वपूर्ण हैं और जिन्हें मुख्यधारा की मीडिया नज़रंदाज़ करती रही है। पिछलें 9 वर्षों से प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया संस्थान ने लोगों के बीच में अपनी अलग छाप बनाने का काम किया है।

Join WhatsApp

Join Now

Leave a Comment