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एट्रोसिटी एक्ट की अर्थी पर मचा बवाल,दलित संगठनों का प्रशासन को अल्टीमेटम, दर्ज किया जाए मामला

शिमला।
हिमाचल प्रदेश में सवर्ण आयोग के गठन की मांग और एट्रोसिटी एक्ट, व आरक्षण बंद करने की मांगों को लेकर देवभूमि क्षत्रिय संगठन और देवभूमि सवर्ण मोर्चा की सरकार के खिलाफ 800 किलोमीटर की पदयात्रा शुरूवात के बाद बवाल थम नहीं रहा है।
जहां सवर्ण समाज जातिगत आरक्षण एट्रोसिटी एससी-एसटी एक्ट और अन्य सवर्ण समाज विरोधी नीतियों की शवयात्रा लेकर चल रहा है वहीं दलित संगठन इसके विरोध पिछले 24 घंटों से डीसी कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे हैं और क्षत्रिय संगठनों पर मामला दर्ज करने की मांग कर रहे हैं।

मंगलावर को सुबह से ही डीसी कार्यालय में डीसी के न होने पर कार्यालय के बाहर ही दलित संगठन धरना-प्रदर्शन करने लगे और कार्रवाई न होने पर प्रदेशभर में उग्र आंदोलन करने के साथ ही हाईकोर्ट जाने की चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा कि पुुलिस प्रशासन के सामने यह शवयात्रा निकाली गई। उनके पास कोई परमिशन भी नहीं थी। प्रशासन रोकने के बजाय मूकदर्शक बना रहा। जब तक पद यात्रा निकालने वाले संगठन के खिलाफ प्रशासन एफआईआर दर्ज नहीं करती तब तक वह उपायुक्त कार्यालय ही धरना देंगे।

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भीम आर्मी भारत हिमाचल के अध्यक्ष रवि कुमार ने कहा कि 24 घंटे बीत जाने के बाद भी पुलिस और जिला प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। संगठन के लोग रात भर धरने पर बैठे रहे और ये धरना तब तक जारी रहेगा, जब तक क्षत्रिय संगठनों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया जाता है। उन्होंने कहा कि विधानसभा के बाहर पुलिस के सामने ही एट्रोसिटी एक्ट की अर्थी उठाई गई और कोई कार्रवाई नहीं की गई है जबकि संविधान का अपमान किया गया है और इसके लिए देशद्रोह का मुकद्दमा दर्ज किया जाना चाहिए और जब तक मामला दर्ज नहीं किया जाता तब डीसी कार्यालय में ही धरने पर बैठे रहेंगे।

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वहीं देवभूमि क्षत्रिय संगठन और देवभूमि सवर्ण मोर्चा के अध्यक्ष रूमित ठाकुर ने कहा कि सवर्ण समाज के लोग जातिगत आरक्षण, एट्रोसिटी एक्ट आदि कानूनों से आहत हैं। इन कानूनों का हरिद्वार में पिंडदान किया जाएगा। शवयात्रा शिमला से होकर कुमारहट्टी सोलन से उत्तराखंड होते हुए हरिद्वार पहुंचेगी। हरिद्वार में पिंडदान के बाद आर्थिक आधार पर आरक्षण का गंगाजल लाया जाएगा। 10 दिसंबर को धर्मशाला में विस के शीत सत्र के दौरान विस का घेराव किया जाएगा। सवर्ण आयोग का समर्थन न करने वाले नेताओं का शुद्धिकरण किया जाएगा।

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