New GST Registration: गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) स्लैब में कटौती के बाद अब 1 नवंबर से जीएसटी रजिस्ट्रेशन नियमों में बदलाव होगा। दरअसल, केंद्र सरकार 1 नवंबर, 2025 से एक नया GST रजिस्ट्रेशन सिस्टम शुरू करने की तैयारी में है। इसका मकसद छोटे कारोबारियों और पब्लिक सेक्टर की कंपनियों के लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस को आसान बनाना है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बात की जानकारी दी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नए रजिस्ट्रेशन सिस्टम से पहली बार रजिस्टेशन के लिए अप्लाई करने वालों को सिर्फ 3 वर्किंग डेज के भीतर मंजूरी मिल जाएगी। सरकार की ओर से लाए गए जीएसटी रिफॉर्म के तहत जीएसटी परिषद ने इसकी मंजूरी दी है। इससे रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पहले से आसान बनेगा और इसमें मैनुअली हस्तक्षेप कम होगा। इससे रजिस्ट्रेशन प्रोसेस में लगने वाला समय कम होगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि 1 नवंबर से सरल GST रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसमें दो तरह के मामलों में 3 कामकाजी दिनों के भीतर ऑटोमैटिक रजिस्ट्रेशन मिल जाएगा। एक तरह के आवेदक वे होंगे, जिन्हें डेटा एनालिसिस के आधार पर सिस्टम आइडेंटिफाई करेगा और दूसरे वे होंगे, जो यह सेल्फ असेसमेंट करेंगे उनकी आउटपुट टैक्स लायबिलिटी ढाई लाख रुपये प्रति महीने से ज्यादा नहीं होगी।
इस रिफॉर्म से 96% नए आवेदकों को लाभ होने की उम्मीद है। गाजियाबाद में नए सीजीएसटी भवन का उद्घाटन करने के बाद वित्तमंत्री ने बताया कि, सरकार का ध्यान अब नीति बनाने की जगह पर लोकल स्तर पर नीतियों के सही तरीके से क्रियान्वित करने पर शिफ्ट हो रहा है।
वित्तमंत्री ने राज्य और केंद्रीय जीएसटी इकाइयों से अनुरोध किया है कि, वे बिना किसी उलझन में पड़े हुए नई नीतियों के तहत काम करें। इसके साथ ही नए नियमों को लागू करें। सीतारमण ने आगे कहा कि प्रशासन को टैक्सपेयर से सम्मान की भावना रखनी चाहिए। वहीं टैक्स चोरी के खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए।
उल्लेखनीय है कि 22 सितंबर से भारत में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST 2.0) लागू हो गया है जिसमें 5% और 18% की नई दरें हैं। 12% और 28% की दरों को हटा दिया गया है। लग्जरी वस्तुओं पर 40% का टैक्स लगाया गया है, जबकि रोजमर्रा की वस्तुओं को टैक्स फ्री कर दिया गया है। इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं पर टैक्स 28% से घटकर 18% कर दिया गया है। इससे कई सामान सस्ते हो गए हैं। मोबाइल और लैपटॉप पर जीएसटी दर 18% ही रखा गया है। ऐसे में एयर कंडीशनर, रेफ्रीजरेटर, वॉशिंग मशीन, डिशवॉशर और बड़ी स्क्रीन वाली टीवी पर पहले 28% का टैक्स लगता था, जो अब 18% टैक्स के दायरे में आ गए हैं।
जानकारों का कहना है कि इस नए सिस्टम का मकसद उन छोटे बिज़नेस के लिए मैनुअल रजिस्ट्रेशन प्रोसेस को खत्म करना है, जिनकी महीने की आउटपुट टैक्स लायबिलिटी 2.5 लाख रुपये से कम है। उन्हें काम के दिनों में ऑटोमैटिक रजिस्ट्रेशन अप्रूवल मिल जाएगा। इससे देरी कम होने और कंप्लायंस का बोझ कम होने की उम्मीद जताई जा रही है।
जानकारों के अनुसार इस सरल सिस्टम से टैक्स अथॉरिटीज हाई रिस्क वाले मामलों को गहराई से जांच करने पर फोकस करेंगे। हालांकि यह इस बात पर भी निर्भर करेगा कि लो रिस्क एप्लीकेंट्स की संख्या कितनी है। तकनीकी गड़बड़ियों के इतिहास को देखते हुए इस नए सरल GST रजिस्ट्रेशन सिस्टम की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि इसके लागू होने के बाद GSTN पोर्टल कैसे काम कर रहा है।











