शिमला।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार ने आपदा को से निपटने में बेहतरीन काम किया।शुक्रवार को शिमला में प्रेस वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि ऐसी आपदा प्रदेश ने बीते 50 सालों में नहीं देखी। उन्होंने कहा हिमाचल प्रदेश सरकार के सभी मंत्रियों और विधायकों ने बेहतरीन काम करते हुए प्रदेश को संकट से उबारा। उन्होंने कहा कि 60 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन में 67 हजार पर्यटकों को गंतव्य स्थल तक पहुंचाने का काम हुआ. शेष 10 हजार पर्यटकों को भी जल्द ही हिमाचल प्रदेश से बाहर उनके घर में भेज दिया जाएगा।
प्रेस वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में हुई बारिश की वजह से प्रदेश भर में भारी नुकसान हुआ। हिमाचल प्रदेश सरकार के शुरुआती आकलन के मुताबिक प्रदेश को चार हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से भी प्रदेश को आर्थिक मदद देने की बात हुई है। देश के गृह मंत्री अमित शाह ने हिमाचल प्रदेश को हर संभव मदद देने की बात कही है, लेकिन अब तक केंद्र से कोई सहायता नहीं मिली है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार लगातार इस तबाही राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग कर रही है, लेकिन अब तक इस बारे में केंद्र से कोई जवाब नहीं मिला है।
सीएम सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार अब तक अपने फंड से 1 हजार 100 करोड़ रुपए की राशि जारी कर चुकी है। इसमें लोक निर्माण विभाग को 610 करोड़ रुपए और जल शक्ति विभाग को 218 करोड़ रुपए मिले हैं। इसके अलावा स्टेट डिजास्टर रिलीफ फंड में 180 करोड़ रुपए प्रदेश सरकार की ओर से दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार से भी दो हजार करोड़ रुपए की अंतरिम राहत की मांग की है, लेकिन अब तक के मदद नहीं मिल सकी है. देश के गृहमंत्री अमित शाह से आर्थिक मदद का आश्वासन मिला है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि प्रदेश सरकार फिलहाल अपने ही साधनों से लोगों तक राहत पहुंचाने का काम कर रही है।
सीएम ने जानकारी दी कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने आर्थिक मदद जुटाने के लिए आपदा राहत कोष-2023 का गठन किया है। इसके लिए दो बैंकों में सरकार ने खाते खोले हैं, जिसमें लोग सरकार को आर्थिक मदद कर सकेंगे। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कांग्रेस के सभी 40 विधायक आपदा राहत कोष में अपनी एक महीने की तनख्वाह दान करेंगे। इसके अलावा सरकार भारतीय जनता पार्टी के विधायकों से भी एक महीने की तनख्वाह दान करने का आग्रह करेगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि आईएएस एसोसिएशन और एचएसएससी एशियन ने अपने एक-एक दिन का वेतन इस राहत कोष में पहले ही दे दिया है।











