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Himachal High Court: कल्याणकारी राज्य को निष्पक्ष होना चाहिए, कर्मचारी के कोर्ट जाने पर नाराजगी नहीं दिखानी चाहिए

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Himachal High Court: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने एक सरकारी कॉलेज की प्रोफेसर की रिटायरमेंट उम्र बढ़ाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि एक कल्याणकारी राज्य को हमेशा निष्पक्ष और बिना भेदभाव के काम करना चाहिए। किसी कर्मचारी को सिर्फ इसलिए सजा नहीं दी जा सकती क्योंकि उसने अपने हक के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

जस्टिस संदीप शर्मा ने कहा, “राज्य से उम्मीद की जाती है कि वह बिना किसी पक्षपात के निष्पक्षता से काम करेगा। लेकिन ऐसा लगता है कि याचिकाकर्ता के कोर्ट जाने से सरकार नाराज हो गई।”

क्या है मामला?

याचिकाकर्ता को पहले शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर के तौर पर नियुक्त किया गया था। साल 2016 में सरकार ने नए मेडिकल कॉलेज शुरू किए। इसके बाद याचिकाकर्ता को एक नए कॉलेज में भेजा गया। सरकार ने वादा किया था कि नए कॉलेजों में जाने वाले शिक्षकों को प्रोमोशन, वेतन लाभ और रिटायरमेंट उम्र बढ़ाने जैसे फायदे मिलेंगे।

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लेकिन, याचिकाकर्ता को रिटायरमेंट उम्र बढ़ाने का लाभ नहीं दिया गया और उन्हें 62 साल की उम्र में रिटायर करने का आदेश जारी किया गया। हाई कोर्ट ने इस आदेश पर 29 मार्च 2022 को रोक लगा दी थी। फिर भी, सरकार ने बिना कोर्ट की इजाजत के उन्हें 65 साल की उम्र में रिटायर करने का दूसरा आदेश जारी कर दिया।

कोर्ट ने क्या कहा?

कोर्ट ने कहा कि सेवा विस्तार हर कर्मचारी का हक नहीं है, लेकिन इसे केस-दर-केस देखा जाना चाहिए। समान पदों पर काम करने वाले दो कर्मचारियों में बिना ठोस कारण के भेदभाव नहीं किया जा सकता।

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कॉलेज के दावों की जांच के बाद कोर्ट ने पाया कि याचिकाकर्ता को सेवा विस्तार न देने का कोई उचित कारण नहीं था। उन्होंने अपने काम को अच्छे से किया था।

कोर्ट ने यह भी बताया कि पिछले साल नेशनल मेडिकल कमीशन ने शिक्षकों की कमी के कारण सरकार को चेतावनी दी थी और हर मेडिकल कॉलेज पर 12 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। फिर भी सरकार ने इस समस्या को ठीक नहीं किया।

कोर्ट ने कहा कि शिक्षकों की कमी से न सिर्फ आम लोग प्रभावित होते हैं, बल्कि छात्रों को भी नुकसान होता है। इससे उन्हें आगे की पढ़ाई, जैसे पीजी सुपर स्पेशलिस्ट कोर्स के लिए जरूरी अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) पाने में दिक्कत हो सकती है।

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कोर्ट का फैसला

कोर्ट ने याचिकाकर्ता की मांग को स्वीकार करते हुए कॉलेज को उनकी सेवा को 68 साल की उम्र तक बढ़ाने का आदेश दिया।

मामले का विवरण

-मामला: सुशीला राणा बनाम हिमाचल प्रदेश राज्य और अन्य
-केस नंबर: CWP नंबर 1743 ऑफ 2022
-निर्णय की तारीख: 4 अगस्त 2025

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