Himachal News: हिमाचल प्रदेश परिवहन विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में शानदार प्रदर्शन करते हुए 912 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 132 करोड़ रुपये यानी 17% अधिक है। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने शिमला में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी सांझा की।
उन्होंने बताया कि इस साल के डेढ़ महीने में ही विभाग ने 150 करोड़ रुपये का राजस्व जुटा लिया है और 2025 के अंत तक यह आंकड़ा 1000 करोड़ रुपये को पार कर जाएगा। इस उपलब्धि के लिए विभाग ने वीआईपी नंबर नीलामी, टैक्स वसूली, और नए रूट आवंटन जैसे कई कदम उठाए हैं।
वाहन पंजीकरण और लाइसेंस पंजीकरण में हुई वृद्धि
उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले एक साल में हिमाचल में 1.5 लाख नए वाहन पंजीकृत हुए हैं, जिससे कुल पंजीकृत वाहनों की संख्या 23 लाख तक पहुंच गई है। इनमें 8 लाख कारें शामिल हैं। इसके अलावा, एक लाख नए ड्राइविंग लाइसेंस जारी किए गए, जिससे राज्य में कुल लाइसेंसों की संख्या 16 लाख हो गई है।

केंद्र से मिला है पुरस्कार
उन्होंने कहा कि हिमाचल परिवहन विभाग के उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहा है जिसको देखते हुए केंद्र सरकार ने पिछले साल 25 करोड़ रुपये का पुरस्कार दिया था, जबकि इस साल यह राशि बढ़कर 28.71 करोड़ रुपये हो गई है। विभाग की कार्यकुशलता और पारदर्शिता की प्रशंसा देशभर में हो रही है। उन्होंने कहा कि इसका श्रेय हिमाचल के कर्मचारियों और अधिकारीयों को जाता है।
नए रूट आवंटन और निजी बसें
उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग ने निजी ऑपरेटरों को 1000 नए बस रूट आवंटित करने की योजना बनाई है। पहले चरण में 234 रूट्स में से 181 रूट्स पहले ही आवंटित हो चुके हैं। इसके अलावा, 350 रूट्स 18-सीटर बसों और 422 रूट्स बड़ी बसों के लिए आवंटित किए जाएंगे। वर्तमान में हिमाचल में 3000 निजी रूट संचालित हैं। उन्होंने बताया कि पिछले दो वर्षों में 26,812 टैक्सी और बस परमिट जारी किए गए हैं।
वीआईपी नंबर नीलामी से बंपर कमाई
इसके अलावा वीआईपी नंबरों की नीलामी से परिवहन विभाग ने पिछले दो वर्षों में 37 करोड़ रुपये की आय अर्जित की है। एक नंबर की नीलामी 25 लाख रुपये तक में हुई। इसके अलावा, टैक्स डिफॉल्टर्स से 23 करोड़ रुपये की वसूली की गई, जिसने विभाग के राजस्व में महत्वपूर्ण योगदान दिया।उन्होंने कहा कि कुछ लोग शिकायत करते हैं कि बाहरी बसों से नुकसान होता है, लेकिन ये बसें केंद्र की नीति के तहत आती हैं, जिसमें एक बार तीन लाख रुपये जमा करने पर देशभर में कहीं भी जा सकते हैं।
उन्होंने बताया कि ऐसे वाहनों से विशेष रोड टैक्स के जरिए 17 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया गया है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर हमारा केंद्र सरकार से मतभेद भी है। केंद्र ने इसके लिए एक पोर्टल बनाया था, जो अब बंद हो चुका है। अब हम प्रदेश स्तर पर अपना पोर्टल बनाएंगे, जहां यह राशि एकत्रित की जाएगी।
उन्होंने कहा कि जिन वाहनों ने पिछले बकाया टैक्स का भुगतान नहीं किया है, उनसे हमें केवल 14 करोड़ रुपये ही प्राप्त हुए हैं, जबकि शेष ने अभी तक भुगतान नहीं किया है। उन्होंने कहा कि अब हमने यह विंडो बंद कर दी है। अब ये लोग टैक्स डिपार्टमेंट के माध्यम से NOC लेकर आएंगे और एक्साइज डिपार्टमेंट ही इसे जारी करेगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए दो साल का समय दिया गया था।
उन्होंने कहा कि फ़ास्ट टेग सुविधा से हुमने नई सुविधा जोदी है जिससे यह पता चल जाता है कि वहां कहाँ से डिफालटार है उन्होंने बताया कि टोल प्लाज्जा के सिस्टम से अब तक ई डीतक्शन बहुत अच्छे से कम कर रहा है। उन्होंने बताया कि पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के लिए हिमाचल में दो स्क्रैप सेंटर्स शुरू किए गए हैं, जहां अब तक 400 वाहन स्क्रैप किए जा चुके हैं। इसके अलावा, प्रदेश से बाहर 2500 वाहन स्क्रैप हुए हैं, और 3000 वाहन अभी स्क्रैप होने की प्रक्रिया में हैं। निजी क्षेत्र को भी स्क्रैप सेंटर्स खोलने के लिए आमंत्रित किया गया है।
ऑटोमैटिक पासिंग और ई-चार्जिंग की पहल
वाहन पासिंग को और पारदर्शी बनाने के लिए बद्दी में एक सरकारी ऑटोमैटिक पासिंग सिस्टम शुरू किया गया है। ऊना, हमीरपुर सहित सात और ऑटोमैटिक पासिंग सिस्टम स्थापित करने की योजना है। इसके अलावा, पर्यावरण संरक्षण और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए छह ग्रीन कॉरिडोर स्थापित किए गए हैं, जिनमें से पांच में ई-चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए ऑपरेटर मिल चुके हैं।
साथ ही, 41 स्थानों पर ई-चार्जिंग स्टेशन का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है, जिसे तीन कंपनियों को PPP मॉडल पर सौंपा गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 23 पेट्रोल पंपों पर मालिकों ने स्वयं ई-चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए हैं। साल 2025 में 88 ई-चार्जिंग स्टेशन स्थापित होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि हिमाचल पर्यटन विकास निगम के होटलों और गेस्ट हाउस में भी जल्द ई-चार्जिंग स्टेशन लगाए जाएंगे।
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा, “परिवहन विभाग ने न केवल राजस्व में वृद्धि की है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और तकनीकी उन्नति में भी योगदान दिया है। ऑटोमैटिक पासिंग सिस्टम और ई-चार्जिंग स्टेशनों से हिमाचल में परिवहन व्यवस्था और मजबूत होगी।” उन्होंने कहा कि विभाग का लक्ष्य हिमाचल को इलेक्ट्रिक वाहनों और पर्यावरण-अनुकूल परिवहन का हब बनाना है।
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