HP High Court News : हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने ड्रग तस्करी से जुड़े एक मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी। आरोपी पर नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (NDPS) एक्ट की धारा 27ए के तहत ड्रग्स की अवैध तस्करी को वित्तीय मदद देने का आरोप है। इस धारा में कम से कम 10 साल की कठोर सजा और अधिकतम आजीवन कारावास का प्रावधान है।
‘नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो बनाम काशिफ’ मामले में जमानत की याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस वीरेंद्र सिंह ने फैसले में कहा कि NDPS एक्ट के तहत जमानत देना इतना आसान नहीं है। कोर्ट ने आरोपी के उस तर्क को खारिज किया, जिसमें दावा किया गया था कि वह कम उम्र में नशे की लत के कारण ड्रग्स खरीद रहा था।
जज ने स्पष्ट किया, “NDPS एक्ट के नियमों को सख्ती से लागू करना होगा, न कि उदारता से। जमानत देते समय कोर्ट ऐसी धारणाएं नहीं बना सकता कि आरोपी सिर्फ निजी उपयोग के लिए ड्रग्स ले रहा था।”

हाईकोर्ट ने यह भी नोट किया कि शिमला की निचली अदालत ने आरोपी के कुछ साथियों को गलत आधार पर जमानत दे दी थी। NDPS एक्ट की धारा 37 के तहत जमानत के लिए दो शर्तें पूरी करनी होती हैं: पहला, यह साबित करना कि आरोपी अपराध में दोषी नहीं है, और दूसरा, जमानत पर छूटने के बाद वह कोई अपराध नहीं करेगा। निचली अदालत ने इन शर्तों पर ध्यान नहीं दिया था।
हाईकोर्ट ने जमानत याचिका खारिज करने के साथ-साथ पहले से जमानत पर छूटे अन्य आरोपियों के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू की। कोर्ट ने उन्हें नोटिस जारी कर पूछा कि उनकी जमानत क्यों न रद्द की जाए और उन्हें हिरासत में क्यों न लिया जाए। कोर्ट ने कहा कि ड्रग तस्करी जैसे गंभीर अपराधों में जमानत देना अपवाद है, नियम नहीं। यह फैसला ड्रग्स के खिलाफ हिमाचल की लड़ाई को और मजबूत करेगा।
-
Chandra Gochar: मकर से कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे चंद्र, इन 3 राशियों की चमकेगी किस्मत..!
-
Weather Forecast: इस हप्ते इन राज्यों में आंधी-तूफान और भारी बारिश का अलर्ट, क्या भारत में समय से पहले दस्तक दे रहा मानसून?
-
HP High Court Breaking News: अदालत के आदेशों की अवहेलना पंचायती राज विभाग के अधिकारियों पर बड़ी कार्रवाई, गाड़ियां जब्त..!
-
Defence Stocks: शेयर बाजार की सुस्त शुरुआत के बाद भी डिफेंस शेयरों में तेजी बरकरार, डेटा पैटर्न और कोचिन शिपयार्ड बने टॉप गेनर्स..!