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नेपाल की माउंट पुमरी चोटी को फतह करने वाले पहले भारतीय बने सोलंग गाँव के हेम राज

नेपाल की माउंट पुमरी चोटी को फतह करने वाले पहले भारतीय बने सोलंग गाँव के हेम राज

-तकनीकी रूप से माउंट एवेरेस्ट से भी मुश्किल मानी जाती है यह चोटी
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू मनाली के एक छोटे से गांव सोलंग के मूल निवासी हेमराज ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था एक दिन उनका नाम अंतरराष्ट्रीय पटल पर इस तरह चमकेगा। किसान परिवार में पले बढ़े हेम राज को पर्वतारोहण का शौक बचपन से ही था और युवावस्था तक पहुंचते-पहुंचते उन्होंने शौक शौक में ही कुल्लू मनाली तथा लाहौल स्पिती के सभी पहाड़ों को लांग लिया लेकिन कॉलेज की पढ़ाई तक उन्होंने अपने शौक को कभी कैरियर बनाने की तरफ नहीं सोचा था।

पर्वतारोहण के शौक के साथ-साथ वो पढ़ाई में भी बहुत अबल थे। चंडीगढ़ में अपनी पढ़ाई के दौरान उन्होंने कंप्यूटर में भी डिग्री हासिल की। उनके परिवार में मां बाप भाई
तथा उनकी धर्मपत्नी है अपनी पढ़ाई के दौरान उन्होंने पर्वतारोहण के इस शौक को प्रोफेशनल तरीके से करने के लिए मनाली में ही माउंटेन इंस्टिट्यूट में बेसिक तथा एडवांस ट्रेनिंग ली और अपनी इस पर्वतारोहण की कला में और दक्षता हासिल की इसी दौरान आईएमएफ (Indian mountaineering federation ) द्वारा पूरे भारतवर्ष में एक अभियान चलाया गया जिनमें उन्होंने पूरे भारतवर्ष से लगभग 350 लड़कों को चुना जो पर्वतारोहण के क्षेत्र में कुछ कर सकते थे बाद में पूरे भारतवर्ष के इन 350 लड़कों में से 100 लड़कों को शॉर्टलिस्ट किया गया जिनमें हिमाचल के कुल्लू मनाली से हेम राज, राजेश ठाकुर तथा चमन तीन का चयन हुआ।

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इन सभी 100 लड़कों की ट्रेनिंग नवंबर 2020 में उत्तराखंड में हुई जिसमें आखिरकार 30 लड़कों को शॉर्टलिस्ट किया गया और इन 30 लड़कों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऐसी ऐसी चुनौतियों के लिए तैयार किया गया इससे पहले किसी ने नहीं की थी आखिरी 30 लड़कों में कुल्लू मनाली से सिर्फ हेम राज का चयन हुआ। उसके बाद एक जबरदस्त ट्रेनिंग का दौर चला और इस ट्रेनिंग में हेमराज की प्रतिभा और निखर कर सामने आई। अपने पूरे दल के साथ यह लोग इसके बाद नेपाल गए यह सभी पूरा दल नेपाल की पहाड़ों की चुनौतियों को जीतने के लिए पूरा तैयार था और हेमराज के सामने इतिहास बनने की आधारशिला लिखी जा चुकी थी और एक ऐसी यात्रा शुरू हुई जिसमें कई चुनौतियां विपरीत परिस्थितियां प्रतिकूल मौसम और जान जाने का जोखिम परंतु यह सब भी हेम राज के साहस को डिगा ना पाया |

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आखिरकार वो दिन आ गया जब 10 मई 2020 को दोपहर के 2:35 पर हेमराज ने नेपाल के माउंट पुमरी को फतह किया। हेमराज पहले भारतीय हैं जिन्होंने इस चोटी को फतेह किया। मन जाता है कि यह चोटी तकनीकी रूप से माउंट एवेरेस्ट से भी मुश्किल मानी जाती है। हेमराज ने अपनी प्रतिभा तथा साहस के दम पर जो हासिल किया
उस पर हर भारतीय को आज गर्व है। हेमराज की इस उपलब्धि से पर्वतारोहण से जुड़े हुए सभी लोगों ने खुशी जताई है। इस उपलब्धि पर हेम राज को ढेर सारी बधाइयां दी है। वर्तमान समय में हेम राज अभी भी नेपाल में ही है और उनका मकसद अभी और भी कई चोटी को फतह करना है।

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हेम राज बताया कि उनकी इस कामयाबी के पीछे उनके मां-बाप धर्मपत्नी तथा भाई रोशन
ठाकुर का बहुत बड़ा हाथ है। उनके भाई रोशन ठाकुर जो कि खुद भी पर्वतारोहण से जुड़े हैं और आईएमएफ के सदस्य हैं ने दूरभाष के माध्यम से इस अपनी खुशी साझा की। उन्होंने बताया कि यह तो अभी शुरूआत है अगर सब कुछ सही रहा तो ऐसी कई कामयाबी हेम राज के कदम चूमेगी। उन्होंने उन सभी शुभचिंतकों का धन्यवाद किया जो हेम राज की इस कामयाबी के पीछे प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े थे। उन्होंने यह विश्वास दिलाया क्षेत्र से अगर कोई युवा इस पर्वतारोहण से जुड़ना चाहता है तो हम उनकी हर संभव सहायता करेंगे

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