LPG Supply Crisis in India: ईरान-इजरायल युद्ध के बीच में रविवार को अमेरिका इंट्री ने पुरे विश्व में खलबली मचा दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका ने रविवार को ईरान के परमाणु ठिकानों पर मिसाइल से हमला कर दिया। अमेरिका ने ईरान के ‘फोर्डो, नतांज और एस्फाहान’ सहित तीन परमाणु ठिकानों पर हमला किया, जिसके बाद पश्चिम एशिया में तनाव और बढ़ गया है।
ईरान-इजरायल युद्ध में अमेरिका के कूदने के बाद सोमवार को कच्चे तेल की कीमतें जनवरी के बाद पहली बार रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गई हैं, जबकि रसोई गैस (LPG) पर भी संकट गहराता नजर आ रहा है। जानकारों का कहना है कि अगर ईरान कोई एक्शन लेता है, आगामी समय में तेल और रसोई गैस की सप्लाई रुक सकती है।
LPG Supply Crisis से आम लोगों को लगेगा झटका
दरअसल, भारत में इस्तेमाल होने वाले तीन में से दो LPG सिलेंडर पश्चिम एशिया से आते हैं। अगर वहां की आपूर्ति ठप होती है, तो सबसे पहले और सबसे बड़ा भारत में आम लोगों को झटका लगेगा।
उल्लेखनीय है कि भारत अपनी जरूरत का लगभग 66 प्रतिशत रसोई गैस विदेश से आयत करता है और इसका 95 प्रतिशत हिस्सा सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और कतर जैसे पश्चिम एशियाई देशों से आता है। अगर इन देशों की आपूर्ति में रुकावट आती है, तो भारत के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है और तुरंत दूसरा रास्ता खोजना आसान नहीं है।
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बीते एक दशक में भारत में LPG सिलेंडर का इस्तेमाल डबल से भी अधिक हो गया है। केंद्र सरकार की उज्जवला योजना के तहत देश के 33 करोड़ लोगों के घरों में LPG गैस सिलेंडर पहुंच चुका है, जिससे विदेशी सप्लाई बढ़ी है।
LPG Supply Crisis: देश में केवल 16 दिन का स्टॉक
वहीँ एक अन्य नेशनल चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक पेट्रोलियम और नेचुरल गैस मंत्रालय के डेटा के अनुसार, भारत के पास अपने इंपोर्ट टर्मिनल, रिफाइनरी और बॉटलिंग प्लांट्स में केवल 16 दिन की औसत खपत के बराबर LPG स्टोरेज की क्षमता है।
ऐसे में अगर सप्लाई पूरी तरह से ठप हो जाती है, तो मात्र दो हफ्ते से थोड़ा ज्यादा समय तक ही देश की रसोई गैस की जरूरतें पूरी हो सकेंगी। ऐसे में स्थिति गंभीर हो सकती है। बता दें कि देश के ज्यादातर हिस्सों में करोसिन की सप्लाई बंद हो चुकी है। ऐसे में, अगर LPG की कमी होती है, तो शहरीय इलाकों में बिजली से खाना पकाना ही एक मात्र विकल्प दिखाई दे रहा है।
पेट्रोल और डीजल को लेकर चिंता की बात नहीं
हालांकि, पश्चिम एशिया में तनाव से भारत में पेट्रोल और डीजल को लेकर अभी कोई संकट की स्थिति नहीं दिखाई दे रही है। भारत न केवल अपनी जरूरत का पेट्रोल और डीजल बनाता है, बल्कि पेट्रोल का 40 प्रतिशत हिस्सा और डीजल 30 फीसदी हिस्सा विदेशों में भेजता है। अगर जरूरत पड़ी, तो इन एक्सपोर्ट को रोक कर देश में ही इस्तेमाल किया जा सकता है। इस वजह से पेट्रोल और डीजल की आपूर्ति को लेकर संकट नहीं है।
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