Top News Today: राज्यसभा में सोमवार (15 दिसंबर) को सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। बीजेपी अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि रामलीला मैदान में कांग्रेस की रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ “आपत्तिजनक” नारे लगाए गए। नड्डा ने इसे “कांग्रेस की मानसिकता” करार देते हुए कहा कि इस प्रकार की भाषा लोकतंत्र में स्वीकार्य नहीं है।
नड्डा ने कहा कि सोनिया गांधी को पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री के खिलाफ इस तरह के नारे लगाना अत्यंत निंदनीय है, और कांग्रेस को अपनी सोच पर पुनर्विचार करना चाहिए।” उनके बयान के बाद सदन में हंगामा मच गया, और विपक्षी सांसदों ने जोरदार विरोध किया, जिसके कारण कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा।
इस मुद्दे पर बीजेपी के अन्य नेताओं ने भी कड़ा रुख अपनाया है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से भी माफी की मांग की। उन्होंने कहा कि राजनीतिक मतभेद होना स्वाभाविक है, लेकिन किसी नेता के खिलाफ हिंसक या धमकी भरे नारे लोकतांत्रिक मर्यादाओं का उल्लंघन करते हैं।
कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने बीजेपी की मांग को “बेतुका ड्रामा” बताते हुए नकारा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने दिल्ली में एक सफल रैली का आयोजन किया। वेणुगोपाल ने यह भी कहा कि रिजिजू ने माना कि नारे “कुछ लोगों द्वारा” लगाए गए थे, और किसी कांग्रेस नेता ने उनका समर्थन नहीं किया। उन्होंने कहा, “हमारे नेता कभी भी किसी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल नहीं करते।”












