Google News Preferred Source
साइड स्क्रोल मेनू

बाघ के शिकार में आई कमी, 5 वर्षों में 567 बाघों की गई जान

[ad_1]

नई दिल्ली से कुमार गौरव की रिपोर्टः बाघ को लेकर लगातार सरकार की तरफ से उसके संख्या बढ़ने का दावा किया जा रहा था। लेकिन अब चौंकाने वाली खबर सामने आई है। 2018 से 2022 बीच देश के बाघों की मौत की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है। सरकार ने संसद में जवाब देते हुए बाघ से जुड़े कई आंकड़े पेश किए है।

उसमे बताया गया है कि 2022 में देश भर में 131 बाघों की मौत हुई है,जबकि बाघों का शिकार घटा है। 2022 में 108 बाघ प्राकृतिक और अन्य कारणों से मरे, जबकि शिकार की वजह से 10 बाघों की मौत हुई और अप्राकृतिक कारणों से 3 बाघों की मौत हुई।

इसे भी पढ़ें:  आज राज्यों में होगी आफत की बारिश, आंधी-तूफान के ओले भी गिरेंगे

2021 में 127 बाघों की हुई मौत

वहीं 2021 में 127 बाघ मरे हैं, जिसमे से शिकार की वजह से 18 बाघ मरे, अप्राकृतिक कारणों से 8 बाघ मरे वही प्राकृतिक और अन्य कारणों से 101 बाघों की मौत हुई है।

जबकि 2020 में 106 बाघ मरे। जिसमें से शिकार की वजह से 15, अप्राकृतिक कारणों से 1 और प्राकृतिक वजह से 90 बाघों की मौत हुई है। 2019 में 96 बाघ मरे, जिसमें अवैध शिकार की वजह से 27, अप्राकृतिक कारण से 3 और प्राकृतिक और अन्य कारण से 66 बाघ मरे।

बाघों की मौत में आई तेजी

इससे पहले 2018 में कुल 101 बाघों की मौत हुई। जिसमे से अवैध शिकार की वजह से 44, अप्राकृतिक कारणों से 4 जबकि 53 बाघों की सामान्य मौत हुई। केंद्र सरकार के द्वारा दिए गए डाटा के मुताबिक 2018 से 2022 के बीच अवैध शिकार रूकने की वजह से बाघों की मौत में लगातार गिरावट आई है, पोचिंग में एक चौथाई की गिरावट दर्ज की गई है, जबकि नेचुरल डेथ की संख्या दो गुनी से अधिक हो गई है। सरकार के आकड़ों के मुताबिक 2018 में बाघों की देश में कुल जनसंख्या 2 हजार 967 थी।

इसे भी पढ़ें:  पश्चिम बंगाल के मालदह में वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन पर पथराव

[ad_2]

Source link

YouTube video player
संस्थापक, प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया प्रजासत्ता पाठकों और शुभचिंतको के स्वैच्छिक सहयोग से हर उस मुद्दे को बिना पक्षपात के उठाने की कोशिश करता है, जो बेहद महत्वपूर्ण हैं और जिन्हें मुख्यधारा की मीडिया नज़रंदाज़ करती रही है। पिछलें 9 वर्षों से प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया संस्थान ने लोगों के बीच में अपनी अलग छाप बनाने का काम किया है।

Join WhatsApp

Join Now

Leave a Comment