Google News Preferred Source
साइड स्क्रोल मेनू

जल निकासी प्रणाली की मजबूती के लिए व्यापक योजना विकसित की जाएगी: मुख्यमंत्री

जल निकासी प्रणाली की मजबूती के लिए व्यापक योजना विकसित की जाएगी: मुख्यमंत्री

-मुख्यमंत्री ने शिमला में आपदा प्रभावित लालपानी क्षेत्र का दौरा किया
शिमला|
प्रदेश में शहरी जल निकासी प्रणालियों को मजबूत करने और पहाड़ी अस्थिरता को रोकने के लिए उचित जल प्रबंधन की आवश्यकता है। राज्य सरकार जल निकासी प्रणालियों को मजबूत करने और निर्माण के लिए ठोस संरचनात्मक डिजाइन सिद्धांतों को एकीकृत करने के लिए एक व्यापक योजना विकसित की जाएगी। यह बात मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार देर शाम भूस्खलन प्रभावित शिमला के लालपानी क्षेत्र का दौरा करने के पश्चात कही। उन्होंने आपदा प्रभावित क्षेत्र में नुकसान का जायजा लिया और जिला प्रशासन को राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिये।
मीडिया से अनौपचारिक बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन की समय पर प्रतिक्रिया से नुकसान काफी कम हो गया है क्योंकि इन घरों में रहने वाले लोगों को आसन्न खतरे के कारण पहले ही खाली करा लिया गया था।

इसे भी पढ़ें:  शिमला हिट एंड रन का मामला दर्ज, सीसीटीवी में कैद हुई महिला को टक्कर मारने की घटना

उन्होंने कहा कि इन उपायों के अलावा राज्य सरकार एक व्यापक, दीर्घकालिक आपदा योजना तैयार कर रही है। इसके कार्यान्वयन के लिए लगभग 800 करोड़ रुपये का प्रावधान किया जाएगा, जिसका उद्देश्य भविष्य की आपदाओं के प्रभाव को कम करना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारी बारिश के कारण सोमवार को 60 से अधिक लोगों की जान चली गई और यह संख्या बढ़ने की संभावना है। इसका प्रभाव शिमला में सबसे गंभीर रहा, जबकि कांगड़ा जिला के फतेहपुर में किसानों को फसल का नुकसान हुआ। पौंग बांध से पानी छोड़े जाने के कारण लगभग 300 लोगों के फंस जाने के बाद बचाव अभियान चलाया गया और सभी व्यक्तियों को सफलतापूर्वक बचा लिया गया। उन्होंने कहा कि लगातार भारी बारिश के कारण मंडी जिले में भी काफी नुकसान हुआ है।
मुख्यमंत्री ने आपदा के समय में नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर द्वारा केवल राजनीति करने पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार राहत और बचाव कार्यों पर दृढ़ता से ध्यान केंद्रित कर रही है।

इसे भी पढ़ें:  राज्य पुस्तकालय व कोचिंग संस्थानों को 50% क्षमता के साथ शीघ्र खोला जाए

उन्होंने विपक्ष द्वारा इस संकट की स्थिति में विधानसभा के विशेष सत्र की मांग की उपयुक्तता पर सवाल उठाया। उन्होंने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार दस दिवसीय विधानसभा सत्र आयोजित करने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में पुलिस कर्मियों की आपदा प्रतिक्रिया प्रयासों के लिए उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने अपने सुरक्षा कवर को भी कम किया है।

उन्होंने विपक्ष से राजनीतिक दिखावे में उलझने के बजाय मौजूदा स्थिति की गम्भीरता को समझते हुए प्रदेश हित को प्राथमिकता देने को कहा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, ओएसडी रितेश कपरेट, नगर निगम शिमला के महापौर सुरेंद्र चौहान, उपायुक्त आदित्य नेगी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

इसे भी पढ़ें:  मुख्यमंत्री ने नरेन्द्र बरागटा के निधन पर शोक किया व्यक्त
YouTube video player
संस्थापक, प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया प्रजासत्ता पाठकों और शुभचिंतको के स्वैच्छिक सहयोग से हर उस मुद्दे को बिना पक्षपात के उठाने की कोशिश करता है, जो बेहद महत्वपूर्ण हैं और जिन्हें मुख्यधारा की मीडिया नज़रंदाज़ करती रही है। पिछलें 9 वर्षों से प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया संस्थान ने लोगों के बीच में अपनी अलग छाप बनाने का काम किया है।

Join WhatsApp

Join Now

Leave a Comment