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हिमफेड पेट्रोल पंप घोटाले में एसपी शिमला की अध्यक्षता में गठित की एसआईटी

विजिलेंस को प्रारंभिक जांच में हाथ लगे कई अहम सबूत,मुख्य आरोपी तत्कालीन सचिव की 2018 में हो चुकी है मौत। ब्यूरो ने तत्कालीन सचिव की पत्नी,सभा के सहायक सचिव व दो पूर्व ऑडिटर समेत कुल चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज

शिमला|
शिमला जिले के उपमंडल ठियोग में जगेड़ी के हिमफेड पेट्रोल पंप में हुए करीब 1.30 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच के लिए सरकार ने विशेष जांच दल(एसआईटी) का गठन कर दिया है। सोमवार को प्रदेश पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने एसआईटी के गठन के आदेश जारी किए हैं।


एसआईटी मे एसपी शिमला मोनिका भुटुंगरू को इसका अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। एसपी क्राइम वीरेंद्र कालिया, अतिरिक्त एसपी साइबर क्राइम नरवीर सिंह राठौर व डीएसपी सिटी शिमला मंगत राम को सदस्य बनाया गया है। एसआईटी पेट्रोल पंप घोटाले की पेशेवर और निष्पक्ष जांच करेगी। साथ ही एसआईटी मामले की विस्तृत व तेजी से जांच सुनिश्चित करेगी और समय-समय पर इसकी प्रगति के संबंध में पुलिस मुख्यालय को सूचित करेगी।

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टीम मामले की वित्तीय संलिप्तता के एंगल से भी जांच करेगी। संलिप्तता या गबन पाए जाने की स्थिति में आरोपी के बैंक खाते, संपत्ति सीज करने के लिए आवश्यक प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी। जगेड़ी हिमफेड पेट्रोल पंप में घोटाले की शिकायत हिमफेड की ओर से पुलिस थाना ठियोग में दर्ज करवाई गई है। ठियोग के जगेड़ी में तैनात मार्केटिंग इंचार्ज मूलराज और क्लर्क सुनील के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

बता दें कि हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के उपमंडल ठियोग में जगेड़ी हिमफेड के पेट्रोल पंप पर करीब 1.30 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। इसकी शिकायत हिमफेड की ओर से पुलिस थाना ठियोग में दर्ज करवा दी गई है। दरअसल ऊपरी शिमला के ठियोग में पहले एकमात्र पंप हुआ करता था, जिस कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता था। करीब तीन साल पहले हिमफेड ने जगेड़ी के पास पंप का निर्माण किया और लोगों को इसकी सुविधा मिलने लगी।

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शहर से बाहर होने के कारण पंप पर तेल भरवाने वालों की भीड़ भी उमड़ने लगी। हालांकि यह पंप पिछले कई दिन से सप्ताह में एक से दो बार बंद भी रहा, जब यहां तैनात कर्मियों से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि गाड़ी नहीं आई, लेकिन उस समय पंप की विभागीय जांच चल रही थी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हिमफेड के एरिया इंचार्ज ने तीन महीने की खाता पड़ताल में पाया कि 1.30 करोड़ रुपये का गबन हुआ है।

ठियोग हिमफेड के पंप पर मार्केटिंग मैनेजर के पद पर तैनात मूलराज का नाम एफआईआर में लिखवाया गया है, जो अगले महीने सेवानिवृति होने वाले हैं। ऑडिट में हुए खुलासे में मूलराज का नाम भी शामिल है। इसके अलावा क्लर्क सुनील का नाम एफआईआर में दर्ज किया गया है।

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