Google News Preferred Source
साइड स्क्रोल मेनू

HPU में पीएचडी की सीटें बढ़ाने का प्रस्ताव प्रस्तुत कर रहा प्रशासन, लेकिन अपना रहा “पिक एंड चूज” की नीति.. SFI

HPU में पीएचडी की सीटें बढ़ाने का प्रस्ताव प्रस्तुत कर रहा प्रशासन, लेकिन अपना रहा "पिक एंड चूज" की नीति.. SFI

शिमला|
एसएफआई प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई ने विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति एसपी बंसल को मांग पत्र सौंपा । एसएफआई ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर छात्रों से सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया है। वर्तमान में विश्वविद्यालय में पीएचडी की प्रवेश प्रक्रिया जारी है। ऐसे में कुछ विभाग अपने विभाग में पीएचडी की सीटें बढ़ाने का प्रस्ताव प्रस्तुत कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन इसमे “पिक एंड चूज ” की नीति अपना रहा है।

इस सत्र की बात करे तो केमिस्ट्री विभाग मे सात सीटें विज्ञापित थी परंतु डिपार्टमेंट कौंसिल के प्रस्ताव के बाद यहाँ ग्यारह सीटें बढा दी गई तथा छात्रों की एडमिशन हुई। इसके विपरीत जब दूसरे विभाग सीटें बढ़ाने का प्रस्ताव पेश करते है तो उसे रद्द किया जा रहा है। एस एफ आई का साफ मानना है कि यदि सीटें बढ़ी है तो सभी विभागों की बढ़ाई जाए। क्योंकि एसएफआई हमेशा से समान अवसर की पैरवी करती है, यदि एक विभाग की सीटें छात्र हित मे बढ़ी है तो बाकी विभागों की सीटें क्यों नही बढ़ रही, जबकि डिपार्टमेंट कौंसिल इस विषय मे प्रस्ताव पेश कर रही हैं। इसके पीछे एक गहरी साज़िश नज़र आती है जिसके तहत सिर्फ अपने चहेतो के लिए सीटें बढ़ जाती हैं लेकिन आम छात्र के लिए नही।

इसे भी पढ़ें:  शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने किया डॉ. सुरेन्द्र शर्मा की पुस्तक 'अज्ञेय की कहानियाँ और मानव मूल्य' का विमोचन

पीएचडी के विज्ञापन की नोटिफिकेशन मे साफ लिखा है कि सीटो की संख्या घट या बढ़ सकती हैं। एसएफआई विश्वविद्यालय इकाई अध्यक्ष रॉकी ने कहा कि हमेशा से ही प्रशासन के आला अधिकारी सिर्फ अपने चहेतो के लिए विश्वविद्यालय की गरिमा को तार तार कर देते है जिसका जीता जागता सबूत गत दिनों पीएचडी मे अपने बच्चो की बिना एंट्रेंस एडमिशन कराना है। दूसरी ओर जब आम छात्र विश्वविद्यालय के नियमानुसार एडमिशन पाना चाहता है तो उस प्रस्ताव को ही निरस्त किया जाता हैं। यदि इस सत्र मे पीएचडी मे किसी भी विभाग मे सीटें न बढ़ी होती तो एसएफआई को कोई आपति नही थी लेकिन एक विभाग मे सीटें बढ़ना और अन्य में न बढ़ना, इसका एसएफआई विरोध करती हैं।

इसे भी पढ़ें:  शिमला शहरी: शॉर्टलिस्ट पैनल से बाहर किए जाने पर, टिकट दावेदारों ने पार्टी के खिलाफ खोला मोर्चा

एस एफ आई स्पष्ट यह समझ रखती हैं कि या तो सभी विभागों की सीटें बढ़े या किसी भी विभाग की नही। जब इस सत्र मे सीटें बढ़ीं है तो अन्य विभागों में भी बढ़ाई जाए। एस एफ आई ने प्रशासन को चेताया है कि इस मामले में छात्र हितैषी निर्णय ले अन्यथा एस एफ आई वंचित छात्रों को लेकर कोर्ट का दरवाज़ा खट खटायेगी जिसकी सारी जिम्मेवारी विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी।

YouTube video player
संस्थापक, प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया प्रजासत्ता पाठकों और शुभचिंतको के स्वैच्छिक सहयोग से हर उस मुद्दे को बिना पक्षपात के उठाने की कोशिश करता है, जो बेहद महत्वपूर्ण हैं और जिन्हें मुख्यधारा की मीडिया नज़रंदाज़ करती रही है। पिछलें 9 वर्षों से प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया संस्थान ने लोगों के बीच में अपनी अलग छाप बनाने का काम किया है।

Join WhatsApp

Join Now

Leave a Comment