सोलन|
कालका-शिमला नेशनल हाईवे फोरलेन में लोगों की परेशानियां कम नहीं हो रही हैं। चक्कीमोड़ के पास हाईवे का बड़ा हिस्सा पूरी तरह से ढह जाने के बाद वाहनो की आवाजाही पूरी ठप हो गई है। यहाँ तक की भूस्खलन वाली जगह को पैदल पार करना भी जोखिम भरा बना हुआ है। लेकिन फिर भी अपने गंतव्य तक पहुँचने के लिए लोग अपनी जान को जोखिम में डाल कर हाईवे पर बनी खाई को पार कर रहे हैं। बता दें कि इस जगह पर अब पैदल चलने तक का रास्ता भी नहीं रहा है। मौसम को देखते हुए तथा मौके की स्थिति के अनुसार आगामी कई दिनों तक इसके खुलने के आसार नहीं है। हालांकि कालका-शिमला नेशनल हाईवे पांच के बंद होने के बाद जिला पुलिस सोलन ने रूट प्लान जारी किया है। लोग वैकल्पिक सडकों का इस्तेमाल कर अपने गंतव्य तक पहुंच रहे हैं।
परवाणू से सोलन तक फोरलेन बनाने में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने 748 करोड़ रुपये खर्च कर दिए। इसके बावजूद अब हालात ये हैं कि पैदल चलने तक का रास्ता तक नहीं बचा है। फोरलेन निर्माण कर रही कंपनी ने सडक को बनाने का काम लगभग पूरा कर दिया था। लेकिन सडक भारी बरसात नहीं झेल पाई और धंस गई। पहाड़ी पर मिट्टी खोदकर सड़क का निर्माण कर दिया। ऐसे में कंपनी की कार्यप्रणाली समेत अधिकारियों पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। अधिकारियों पर सड़क निर्माण के दौरान किसी भी प्रकार का निरीक्षण नहीं करने का आरोप लग रहा है। वहीं सड़क की गुणवत्ता पर भी
प्रश्न चिन्ह लग गया है। सर्दी, गर्मी या फिर बरसात में पहाड़ी ढहनी शुरू हो जाती है। एनएच को फोरलेन में तबदील किया लेकिन लगातार संकट मंडरा रहा हैं। हर मौसम में पहाड़ आफत बनकर गिर रहे हैं। इसके साथ पुन: सड़क का निर्माण करना चुनौती बनकर उभर आया है।












