Google News Preferred Source
साइड स्क्रोल मेनू

वीरेंद्र की पत्नी को सरकारी नौकरी, शहीद का दर्जा और एक करोड़ मुआवजा दे सरकार- कर्म चंद भाटिया

हिमाचल समता सैनिक दल के राज्य महासचिव कर्म चंद भाटिया ने प्रदेश मुख्यमंत्री जयराम और प्रदेश पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू से आग्रह किया है कि शिमला मे रेस्क्यू के दौरान चीनी बंगला के पास दुर्घटना होने व 7/8 दिन आईजीएमसी शिमला मे जिंदगी की जंग हारने वाले कांगडा कोहड कोठी भंगाल 2016 वैच के पुलिस युवा जवान वीरेंद्र कुमार के परिवार पत्नी को‌ नौकरी ओर एक करोड रूपये मुआवजा देने के साथ शहीद का दर्जा दे।अभी तक सरकार ने इसको लेकर कोई अधिकारिक परिवार के लिए घोषणा नहीं की। भाटिया ने कहा कि गंभीर चिंता शर्म दुर्भाग्य का विषय है कि राजधानी शिमला के आईजीएमसी अस्पताल में विरेंद्र कुमार पुलिस आरक्षी चार-पांच दिन जिंदगी मौत की जंग हार गया। लेकिन बावजूद उसके प्रदेश के मुख्यमंत्री, पुलिस महानिदेशक, विधायक, मंत्री या कोई बड़े अफसर तक शिमला पुलिस प्रशासन एसपी शिमला मोहित चावला चुनिंदा गिने चुने अफसरों के अलावा कोई भी हालचाल पूछने नहीं गए। भाटिया ने कहा कि पुलिस महानिदेशक प्रदेश मुख्यमंत्री भाजपा सरकार से पुलिस भर्ती नियमों और कानूनों का मामला उठा कर युवा पुलिस जवानों के 8 साल अनुबंध नीति को पूरी तरह खत्म करवाए। जो पुलिस आरक्षी 24×7 घंटे डियूटी देते हैं, उनके लिए अनुबंध नीति क्यों? अनुबंध नीति है तो फिर 8 साल क्यों ?जबकि अन्य सरकार संस्थानों मे वोट वैंक नीति के चलते अनुबंध नीति समय -समय से घटाकर 2/3साल कर दी। लेकिन पुलिस जवानों के लिए 8 साल नईं युवा पीढी के लिए घोर मानसिक मनोबल को गिराने वाली ऐसी नीति क्यों? भाटिया ने कहा कि संवैधानिक प्रावधानों के तहत पुलिस रूलस हैं तो फिर पुलिस एक्ट क्यों है? क्या पुलिस एक्ट पुलिस जवानों के अधिकारों हकों का दमन हनन करने के लिए लाया गया है?
पुलिस जवानों को 2012 के स्कैल अनुसार 13 महीने की सैलरी  मिल रही जबकी 2021स्कैल अनुसार अनुरूप मिलनी चाहिए। 25 जनवरी को मुख्यमंत्री जयराम ने रिज से घोषणा की थी कि पुलिस जवानों को रिटायरमेंट से 3/4 महीने पहले एक पद पदौन्नति कर रिटायर किया जाएगा। वह घोषणा भी जुमला साबित हुई। भाटिया ने प्रदेश मुख्यमंत्री और प्रदेश पुलिस महानिदेशक से आग्रह किया है कि प्रदेश में होने वाली पुलिस आरक्षीयों की नई भर्तियों में अनुबंध नीति को पूरी तरह समाप्त किया जाए और ये नई भर्तियां अनुबंध नीति के तहत नहीं करवाई जाएं। 
                     
उन्होंने कहा की प्रदेश के पुलिस प्रशासन में सरकार और प्रदेश पुलिस मुख्यालय के प्रति पुलिस जवानों मे भारी आंतरिक आक्रोश है जो कोई भी रूप किसी भी क्षण उग्र रूप धारण कर सकता है। पुलिस रूल्स में इंगित होगा कि पुलिस जवान आंदोलन नहीं कर सकते। लेकिन यह भी नहीं लिखा है कि उनके अधिकारों हकों का सरकार पुलिस हैडक्वाटर द्वारा सरकार की कठपुतली बन दमन हनन घोर अन्याय किया जाए, जवान मुक दर्शक बन सहन करते रहें। इसको लेकर पुलिस प्रदेश मुख्यालय के बाहर किसी भी क्षण बिना कोई पूर्व सूचना दिए धरना होगा। जनाज रथ यात्रा भी निकाली जाएगी ।

इसे भी पढ़ें:  रोहड़ू: खुदाई में निकला साढ़े चार फीट का शिवलिंग,भगवान गणेश व कार्तिकेय की मूर्तियाँ भी मिली
मुझे महिलाओं से जुड़े विषयों पर लिखना बेहद पसंद है। महिलाओं की ताकत, उनकी चुनौतियों और उनकी उपलब्धियों को उजागर करने में विश्वास करती हूँ। मेरे लेखन का उद्देश्य महिलाओं की आवाज़ को मजबूती से पेश करना और समाज में उनकी भूमिका को पहचान दिलाना है।

Join WhatsApp

Join Now

Leave a Comment