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ठाकुर राम गोपाल मंदिर की भूमि पर हो रहा अंधाधुंध अवैध खनन, सरकार के राजस्व को करोड़ों का चूना

महल। इंदौरा
एक तरफ जहां हिमाचल की सरकारें अवैध खनन रोकने के लिए बड़े-बड़े दावे करती नहीं थकती हैं मगर जमीनी स्तर पर की कहानी कुछ और ही बयान करती है। सबसे ज़्यादा अवैध खनन चक्की दरिया ओर राम गोपाल मंदिर डमटाल की जगह पर किया जाता है । यह खनन जेसीबी और बड़ी पोकलेन मशीनों से किया जाता है परन्तु कानूनन इन मशीनो से खनन करने पर पूरी तरह से पाबंधी है। मगर हकीकत कुछ और ही दिखाई देती है इन बड़ी-बड़ी पोकलेन मशीनों द्वारा खनन माफिया सरेआम कानून की धज्जियां उड़ा कर विभाग व प्रशासन की प्रवाह किए बिना बेखोफ होकर चक्की दरिया का सीना छलनी कर रहे हैं,वहीं करोड़ों रूपए की वन संपदा को नुकसान पहुंचकर खनन माफिया करोड़ाें कमाकर सरकार के राजस्व में लाखों रुपए घाटा डाल रहा है और उखाड़ी गई वन संपदा ओर खनन मटेरियल का क्रेशर उद्योग मालिकों को कोई भी जुर्माना नहीं किया है और विभाग भी खानापूर्ति करने के लिए कभी कभार टिप्परों के चालान काटकर पल्ला झाड़ लेता है। यदि बड़ी मशीनरी पर पाबंधी है तो विभाग उसका चालान ही क्यों करता है उसको जब्त क्यों नहीं करता और उसका केस बनाकर कोर्ट में क्यों नहीं भेजता। खनन माफिया ने हजारों एकड़ उपजायु भूमि को खत्म करके खड्डों में तब्दील कर दिया है ओर चक्की दरिया के किनारे बची हुई जमीन भी बंजर बन कर रह गई है। क्यांकि खनन से पानी का स्तर नीचा हो गया है।

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आम लोगों का मानना है कि इस खनन माफिया से जुड़े लोग ज्यादातर राजनीतिक सरंक्षण के चलते इस कार्य को अंजाम देने में सफल हो रहे हैं। डमटाल की सरकारी भूमि पर हो रहे खनन को लेकर आज तक विभाग ओर पुलिस ने सरकारी भूमि से अवैध खनन करने के जुर्म में किसी भी क्रेशर उद्योग वालों की मशीनरी जब्त करके उस केस को अदालत में नहीं भेजा है। इसके चलते दोनों विभाग संदेह के घेरे में है कि आखिर सब कुछ सामने होते हुए भी स्थानीय प्रशासन ओर खनन विभाग ने इन पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की , मगर विभागों के द्वारा राजनीतिक दबाव या किसी अन्य कारण के चलते इनकी एक नहीं चल पाती जबकि अवैध खनन धड़ल्ले से चलता रहता है। यदि देखा जाए तो यह अवैध खनन दरिया व खड्डों में दुर्गम रास्तों से होकर किया जाता है जहां पर किसी छोटी गाड़ी का पहुंचना संभव ही नहीं नामुमकिन है और यदि कोई ऐसा रास्ता होता भी है तो उसे माफिया द्वारा अवरुद्ध कर दिया जाता है। ताकि उन तक आसानी से पहुंचा न जा सके।

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क्या कहते है एसडीएम इंदौरा ?
वहीं जब इस सम्बंध में एस डी एम इन्दोरा विनय मोदी से बात कि गई तो उन्होंने बताया कि मामला उनके संज्ञान में है, वह जल्द ही इसकी जाँच कर दोषियों पर कार्यवाही की जाएगी।

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