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क्या है मोदी सरकार की श्री अन्न योजना

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Budget 2023: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को बजट (Budget 2023) भाषण में कहा, ‘केंद्र सरकार हैदराबाद में स्थित भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान (ICAR-IIMR) को सपोर्ट किया जाएगा। इसे वैश्विक स्तर पर पहुंचाने के लिए सरकार सेंटर ऑफ एक्सिलेंस के रुप में बनाएगी।’ वित्त मंत्री ने श्री अन्न का जिक्र किया। इसके बाद इस पर चर्चा शुरू हो गई है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘हम कई प्रकार के मोटे अनाज यानी श्री अन्न उगाते हैं। जैसे कि ज्वार, रागी, बाजरा, रामदाना और सांवा। इनके कई स्वास्थ्य लाभ हैं और सदियों से हमारे भोजन का एक अभिन्न अंग रहे हैं। अब, श्री अन्न पर रिसर्च के लिए भारत को एक वैश्विक केंद्र बनाने के लिए हैदराबाद में भारतीय बाजारा अनुसंधान संस्थान को उत्कृष्टता का केंद्र बनाया जाएगा।’

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कभी गरीबों का अनाज कहलाते थे श्री अन्न

बाजरा को कभी गरीबों का अनाज कहा जाता था। इसमें पोषण तत्व बहुत होता है। इसलिए सरकार ने इसका नाम न्यूट्री अनाज कर दिया है। बाजारा आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक, विटामिन से भरपूर होता है। इसमें से सिर्फ 2 से 5 फीसदी वसा होता है।

बता दें कि राजेंद्रनगर, हैदराबाद में स्थित भारतीय बाजारा अनुसंधान संस्थान एक कृषि अनुसंधान संस्थान है जो मोटे अनाजों पर रिसर्च में लगा हुआ है। यह बाजरा में सुधार, उसकी पैदावार बढ़ाने को लेकर रिसर्च कर रहा है।

एक्सिलेंस सेंटर क्या है?

केंद्र सरकार का कहना है कि सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (COI) एक ऐसा निकाय है जो एक विशिष्ट क्षेत्र के लिए प्रशिक्षण, रिसर्च, व्यापारिक मदद मुहैया कराता है।

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यूपी में ODOP से मिल रही श्री अन्न को पहचान

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार श्री अन्न यानी मोटे अनाजों को देश और विदेशों में पहचान दिलाने की कवायद पहले ही शुरू की है। ऐसे उत्पादों को योगी सरकार ने वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रॉडक्ट स्कीम में शामिल किया है। सिद्धार्थनगर का काला नमक चावल इसका उदाहरण है।

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