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सीटू ने केंद्रीय बजट को मजदूर विरोधी करार दिया

बजट 2023-24

बद्दी|
सीटू राज्य कमेटी हिमाचल प्रदेश ने केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए बजट को पूंजीपतिपरस्त व मजदूर विरोधी करार दिया है। यह बजट महज़ आंकड़ों का मकड़जाल है व आम जनता के लिए ऊंट के मुंह में जीरा डालने के समान है। सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व महासचिव प्रेम गौतम ने कहा है कि यह बजट नवउदारवादी नीतियों की रफ्तार व सरकारी ढांचे को तोड़ कर निजीकरण की गति को तेज करने वाला है। इस से केवल पूंजीपतियों के फायदा होगा व महंगाई के मध्यनज़र मजदूरों की स्थिति और बिगड़ेगी। इस बजट में बैंक, बीमा, दूरसंचार, रेल, एयरपोर्ट, ऊर्जा, यातायात, परिवहन सहित सार्वजनिक क्षेत्र के सभी उपक्रमों की खुली बिक्री का दरवाजा खोल दिया गया है।

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बजट ने सेवा क्षेत्र को खोखला करने का ही कार्य किया है। इस बजट में मजदूरों व कर्मचारियों के हित में कुछ भी खास नहीं है। बजट ने मजदूरों की भारतीय श्रम सम्मेलन व माननीय उच्चतम न्यायालय की सिफारिश अनुसार वर्तमान में मजदूरों की 26 हज़ार रुपये न्यूनतम वेतन की मांग को अनदेखा कर दिया है। आंगनबाड़ी, आशा, मिड डे मील, एनएचएम सहित सभी योजनकर्मियों के किये बजट में कुछ भी नहीं है।

औद्योगिक मजदूरों को भी इस बजट से निराशा ही हाथ लगी है। बजट में मनरेगा व निर्माण मजदूरों को कुछ भी हासिल नहीं हुआ है। संगठित व असंगठित क्षेत्र दोनों के स्थाई, आउटसोर्स, ठेका व अन्य सभी प्रकार के मजदूरों के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं है। बजट खेत मजदूरों के सपनों को पूरा करने में भी नाकाम रहा है।

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