Google News Preferred Source
साइड स्क्रोल मेनू

अवैध रूप से बोर्ड, बैनर लगाने पर केरल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को लगाई फटकार

बैकडोर एंट्री से सार्वजनिक रोजगार प्राप्त करना संविधान के प्रावधानों के विपरीत :- हिमाचल हाईकोर्ट

[ad_1]

नई दिल्ली: केरल उच्च न्यायालय ने सोमवार को राज्यभर में सार्वजनिक स्थानों पर अवैध रूप से बोर्ड और बैनर लगाने के मामले में राज्य सरकार को फटकार लगाई। इसके साथ ही कोर्ट ने उद्योग सचिव से मामले में हलफनामा दाखिल करने को कहा। अदालत इस मामले पर फिर से विचार करेगी।

व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना होगा

अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि सचिव के ऐसा करने में विफल रहने पर उन्हें स्पष्टीकरण देने के लिए व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना होगा। एमिकस क्यूरी के वकील हरीश वासुदेवन ने अदालत को सूचित किया कि तिरुवनंतपुरम शहर में अदालत के आदेशों का घोर उल्लंघन हुआ है।

इसे भी पढ़ें:  उद्धव की अपील- सावरकर का अपमान न करें

अदालत के समभाव को कमजोरी के रूप में माना जा रहा है

वासुदेवन ने कहा- “90 प्रतिशत बोर्ड सरकारी एजेंसियों से हैं जिनमें मुख्यमंत्री, मंत्रियों, संवैधानिक और वैधानिक अधिकारियों के चेहरे हैं। एक धार्मिक त्योहार के नाम पर पूरा शहर कल उत्सवों से भर गया था। मुझे नहीं पता अगर इसे आज हटा दिया गया है।” न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन की एकल पीठ ने कहा कि “यह अदालत समभाव के साथ काम कर रही है। इसे अब एक कमजोरी के रूप में माना जा रहा है। इस अदालत द्वारा दिखाए गए धैर्य से बड़ी समता नहीं हो सकती।” ”उद्योग विभाग के सचिव इस तरह से काम कर रहे हैं कि वे कुछ भी करें और छाप हम बना रहे हैं?”

इसे भी पढ़ें:  गहलोत सरकार के मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा पर किडनैपिंग का केस दर्ज

सरकार यह नहीं सोच सकती है कि वह लोगों से अलग है

न्यायमूर्ति रामचंद्रम ने आगे कहा- “सरकार यह नहीं सोच सकती है कि वह लोगों से अलग है। सरकार लोग हैं- लोग सरकार हैं। मुझे नहीं पता कि हम किस तरह की मूर्खता देख रहे हैं जब सरकार खुद उल्लंघन करती है।” नियम। जब जनता भी चुप है तो अदालत क्या कर सकती है?” कोर्ट ने यह भी कहा, “क्या हम उस ऊटपटांग हरकत के पैमाने को समझ रहे हैं? मुझे नहीं लगता कि लोग इसे समझते हैं। सरकार आदेश नोटिस जारी करती है कि इसे हटाया जाना चाहिए।

इसे भी पढ़ें:  राहुल गांधी पर भड़कीं BJP सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर

[ad_2]

Source link

संस्थापक, प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया प्रजासत्ता पाठकों और शुभचिंतको के स्वैच्छिक सहयोग से हर उस मुद्दे को बिना पक्षपात के उठाने की कोशिश करता है, जो बेहद महत्वपूर्ण हैं और जिन्हें मुख्यधारा की मीडिया नज़रंदाज़ करती रही है। पिछलें 9 वर्षों से प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया संस्थान ने लोगों के बीच में अपनी अलग छाप बनाने का काम किया है।

Join WhatsApp

Join Now

Leave a Comment