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पार्टी संविधान में संशोधन करेगी कांग्रेस, जानें क्या होंगे बदलाव

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New Delhi से रमन झा की रिपोर्ट: कांग्रेस पार्टी अपने संविधान में संशोधन कर सकती है। इसमें कांग्रेस के पूर्व अध्यक्षों को कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) का आजीवन सदस्य बना सकती है। बता दें कि कांग्रेस समिति पार्टी में निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था है।

सूत्रों का कहना है कि यह संशोधन सोनिया गांधी और राहुल गांधी को सीडब्ल्यूसी का आजीवन सदस्य बनाने के लिए है। क्योंकि कांग्रेस का कोई पूर्व अध्यक्ष जीवित नहीं है, इसलिए यह संशोधन सिर्फ सोनिया-राहुल पर लागू होगा। बाद में अगर मल्लिकार्जुन खड़के कांग्रेस अध्यक्ष बनते हैं तो उन्हें भी इसमें शामिल किया जाएगा।

संविधान संशोधन समिति का अध्यक्ष बनीं अंबिका सोनी

गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाली वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी को संविधान संशोधन समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। संभावना है कि वे 24 से 26 फरवरी तक रायपुर में होने वाले सत्र से पहले इस संशोधन को पेश कर सकती हैं।

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चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री ने कहा कि जहां तक सीडब्ल्यूसी के चुनाव की बात है तो चुनाव प्राधिकरण पूरी तरह से तैयार है। प्राधिकरण 24 घंटे का नोटिस मिलते ही चुनाव करा सकता है।

बन रही AICC सदस्यों की सूची

उन्होंने कहा कि 8 पीसीसी सदस्यों के लिए 1 एआईसीसी सदस्य के निर्धारित मानकों का कड़ाई से पालन करते हुए सूची तैयारी की जा रही है। पहले जब सोनिया गांधी के कार्यकाल में सीडब्ल्यूसी के लिए चुनाव नहीं हो रहे थे, तो बहुत सारे अतिरिक्त सदस्यों को एआईसीसी सदस्य बनाया गया था, ताकि वे सत्र में भाग ले सकें। लेकिन अब छंटनी चल रही है।

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एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है, ताकि कोई भी सीडब्ल्यूसी चुनाव की प्रक्रिया को चुनौती न दे सके।

क्या सचिन पायलट लड़ेंगे CWC का चुनाव?

राजनीतिक गलियारे और दिल्ली में चर्चा है कि राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट सीडब्ल्यूसी का चुनाव लड़ सकते हैं। दावा किया जा रहा है कि ऐसा होता है तो वे प्रियंका गांधी, शशि थरूर की तरह चुनाव में टॉप स्कोरर होंगे। यह अटकलें इसलिए भी लगाई जा रही हैं क्योंकि सचिन पायलट ने राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ एक बार फिर मोर्चा खोल दिया है।

उन्होंने 25 सितंबर 2022 को विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थक 3 नेताओं के जल्द अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की है। साथ ही विधायकों पर इस्तीफे का दबाव बनाने की पार्टी स्तर पर जांच की मांग की है।

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