प्रजासत्ता ब्यूरो।
हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की 3 मार्च को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई बैठक में लोकतंत्र प्रहरी सम्मान अधिनियम 2021 और हिमाचल प्रदेश लोकतंत्र प्रहरी सम्मान नियम 2022 को निरस्त करने को मंजूरी दे दी गई। जिसके बाद अब इमरजेंसी के दौरान जेल गए नेताओं को पेंशन नहीं मिल सकेगी।
बता दें कि इससे पहले साल 2022 में तत्कालीन बीजेपी सरकार ने इमरजेंसी के दौरान जेल गए नेताओं को पेंशन देने का प्रावधान किया था। इसका लाभ प्रदेश भर के करीब 700 नेताओं को दिया जा रहा था। 15 दिन तक जेल में रहे नेताओं को 12 हजार, जबकि इससे ज्यादा दिनों तक जेल में रहने वाले नेताओं को 20 हजार रुपये पेंशन दी जा रही थी।
उल्लेखनीय है कि विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकतंत्र प्रहरी सम्मान योजना समाप्त करने का मुद्दा सदन में उठा था। भाजपा सरकार के समय लिए गए इस निर्णय को कांग्रेस नेताओं ने गलत करार दिया था।











