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गजवा-ए-हिंद मामले में एनआईए ने तीन राज्यों में मारे छापे

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NIA Raid: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने गुरुवार को देश के तीन राज्य महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश में 8 संदिग्धों के घरों पर छापेमारी की और तलाशी ली है।

इसमें नागपुर में 4 स्थान, गवालियर में एक और गुजरात में वलसाड, सूरत और बोटाड जिले शामिल हैं। ये छापे में जुलाई 2022 में दर्ज बिहार के फुलवारीशरीफ गजवा-ए-हिंद केस से जुड़े मामले में मारे गए।

अभी गिरफ्तारी की कोई पुष्टि नहीं

इस दौरान तमाम आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई है। जिसमें मोबाइल फोन, मेमोरी कार्ड और तमाम दस्तावेज शामिल हैं। जिससे पता चलता है कि ये लोग आतंकी वारदातों को अंजाम देने के लिए विभिन्न प्लेटफार्मों पर प्रभावशाली युवाओं को कट्टरपंथी बनाने में जुटे हुए थे। एनआईए ने किसी की गिरफ्तारी को लेकर अभी तक अधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।

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ग्वालियर में बुधवार शाम पहुंच गई थी टीम

मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एनआई की टीम बुधवार शाम पहुंच गई थी। यहां बहोड़ापुर से एक युवक को पकड़ा गया है। सूत्रों का कहना है कि वह इंटरनेट और फोन कॉल के जरिए गजवा-ए-हिंद के आरोपियों के संपर्क में था।

नागपुर में तीन जगहों पर सुबह 5 बजे हुई रेड

एनआईए टीम ने नागपुर के सतरंजीपुरा, गवलीपुरा और वाठोडा इलाकों में सुबह पांच बजे छापेमारी की। एनआईए टीम ने तीन संदिग्धों से पूछताछ की। इनमें से एक व्यक्ति का मोबाइल फोन जब्त कर लिया गया है, जो सतरंजीपुरा का रहने वाला है।

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क्या है गजवा-ए-हिंद?

गजवा-ए-हिंद एक कट्टरपंथी सोच है। जिसके तहत 2047 तक भारत को इस्लामिक स्टेट बनाने की योजना है। पाकिस्तानी नागरिक ने इसका एक वॉट्सऐप ग्रुप बनाया था। इसके जरिए वह युवाओं को कट्टरपंथी बनाकर उन्हें हथियारों की ट्रेनिंग देता था और आतंकी घटनाओं को करने के लिए उकसाता था। इस संगठन का पीएफआई लिंक भी सामने आ चुका है।

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