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मुजफ्फरपुर MP/MLA कोर्ट से गिरिराज सिंह समेत 23 आरोपी बरी

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मुजफ्फरपुर से मुकुल कुमार की रिपोर्ट: मुजफ्फरपुर के स्पेशल एमपी/एमएलए कोर्ट ने 10 साल पुराने एक मामले में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को बड़ी राहत दी है। जस्टिस विकास मिश्रा की अदालत ने गिरिराज सिंह और अन्य 22 आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।

सभी की निगाहें टिकी थी कोर्ट के फैसले पर

दरअसल, राहुल गांधी को सूरत की कोर्ट से सजा सुनाए जाने के बाद सभी की निगाहें मुजफ्फरपुर कोर्ट पर टिकी थीं। दरअसल, इस केस में ऐसी धाराएं थीं, जिसमें अधिकतम तीन साल तक की सजा हो सकती थी।

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह सुबह 11 बजे ही मुजफ्फरपुर सर्किट हाउस पहुंच गए। दोपहर दो बजे स्पेशल एमपी/एमएलए कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। कहा कि सबूतों के अभावों में सभी आरोपियों को बरी किया जाता है।

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सांसद वीणा देवी ने कोर्ट के फैसले का किया स्वागत

जैसे ही कोर्ट ने सभी को बरी किया, सभी के चेहरे खिल उठे। अधिवक्ता अशोक सिंह ने बताया कि पहले यह मामला सोनपुर की रेल अदालत में था, बाद में इसे मुजफ्फरपुर के एमपी/एमएलए कोर्ट में ट्रांसफर किया गया था। सभी आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी किया गया है। फैसले के बाद वैशाली की सांसद वीणा देवी ने अदालत के फैसले का स्वागत किया है।

क्या है पूरा मामला

दरअसल नौ साल पुराने 2014 के एक मामले में मुजफ्फरपुर रेल थाना में एक मामला दर्ज किया गया था। पेट्रोल डीजल के मूल्य वृद्धि को लेकर इन नेताओं ने रेल चक्का जाम किया था। तत्कालीन रेल थानाध्यक्ष अरविंद कुमार के बयान पर मुजफ्फरपुर रेल थाना में मामला दर्ज कराया गया था।

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पुलिस ने इन्हें बनाया था आरोपी

मामले में कुल 23 व्यक्ति आरोपित थे। जिसमें प्रमुख रूप से केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के अलावा राज्य के पूर्व मंत्री सुरेश कुमार शर्मा, रामसूरत राय, वैशाली सांसद वीणा देवी, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष अरविंद कुमार सिंह, अंजू रानी, देवांशु किशोर, कमलेश्वर प्रसाद उर्फ केपी पप्पू, आशीष साहू, विनोद कुमार कुशवाहा, देवीलाल, शशिकुमार सिंह, रितेंद्र कुमार उर्फ रितेंद्र प्रकाश शर्मा, दिनेश कुमार उर्फ दिनेश कुमार पुष्पम, धीरेंद्र प्रसाद सिंह उर्फ धीरेंद्र कुमार सिंह, मनीष कुमार अविनाश सुमन कुमार उर्फ सुमन कुमार सिन्हा, रघुनंदन प्रसाद सिंह, मदन चौधरी, रामबाबू राय, गीता देवी व वंदना शामिल थे।

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