Google News Preferred Source
साइड स्क्रोल मेनू

सिसोदिया का जेल से पीएम मोदी पर निशाना, कहा- भारत की प्रगति के लिए प्रधानमंत्री का शिक्षित होना जरूरी

[ad_1]

Sisodia On PM Modi: दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने तिहाड़ जेल से पत्र लिखकर प्रधानमंत्री मोदी की एजुकेशन डिग्री पर सवाल उठाया है। सिसोदिया ने अपने पत्र में लिखा है कि भारत की प्रगति के लिए प्रधानमंत्री का शिक्षित होना जरूरी है।

न्यूज एजेंसी ANI की ओर से जारी की गई चिट्ठी में सिसोदिया ने लिखा…

तिहाड़ जेल से प्यारे देशवासियों के नाम मेरा पत्र

आज हम 21वीं सदी में जी रहे हैं। दुनिया भर में विज्ञान और टेक्नॉलॉजी में हर रोज़ नई तरक्की हो रही है। सारी दुनिया आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) की बात कर रही है। ऐसे में जब मैं प्रधानमंत्री जी को ये कहते हुए सुनता हूं कि गंदे नाले में पाइप डालकर उसकी गैस से चाय या खाना बनाया जा सकता है, तो मेरा दिल बैठ जाता है। क्या नाली की गंदी गैस से चाय या खाना बनाया जा सकता है? नहीं! जब प्रधानमंत्री जी कहते हैं कि बादलों के पीछे उड़ते जहाज़ को रडार नहीं पकड़ सकता तो पूरी दुनिया के लोगों में वो हंसी के पात्र बनते हैं। स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ने वाले बच्चे उनका मजाक बनाते हैं।

इसे भी पढ़ें:  पश्चिम विहार इलाके की दीवारों पर 'खालिस्तान जिंदाबाद' के नारे, पुलिस ने हटवाए
और पढ़िए – ‘अनिल ने मुझे आहत किया, अंतिम सांस तक मैं कांग्रेस में रहूंगा…’, बेटे के भाजपा में जाने पर बोले एके एंटनी

सिसोदिया ने आगे लिखा कि उनके इस तरह के बयान देश के लिए बेहद खतरनाक हैं। इसके कई नुकसान हैं- जैसे पूरी दुनिया को पता चल जाता है कि भारत के प्रधानमंत्री कितने कम पढ़े-लिखे हैं और उन्हें विज्ञान की बुनियादी जानकारी तक नहीं है। दूसरे देशों के राष्ट्र अध्यक्ष जब प्रधानमंत्री जी से गले मिलते हैं तो एक एक झप्पी की भारी कीमत लेकर चले जाते हैं। बदले में न जाने कितने कागजों पर साइन करवा लेते हैं, क्योंकि प्रधानमंत्री जी तो समझ ही नहीं पाते क्योंकि वे तो कम पढ़े-लिखे हैं।

सिसोदिया ने पूछा- क्या कम शिक्षित पीएम युवाओं के सपने पूरा कर सकता है?

पूर्व डिप्टी सीएम ने लिखा कि आज देश की का युवा आकांक्षी है। वो कुछ करना चाहता है। वो अवसर तलाश में है। वो दुनिया जीतना चाहता है। साइंस और टेक्नॉलॉजी के क्षेत्र में वो कमाल करना चाहता है। क्या एक कम पढ़ा-लिखा प्रधानमंत्री आज के युवा के सपनों को पूरा करने की क्षमता रखता है?

इसे भी पढ़ें:  Bhiwani Killing Case: जुनैद और नासिर के परिवार वालों से मिले ओवैसी

सिसोदिया ने पूछा कि हाल के वर्षों में देश भर में 60,000 सरकारी स्कूल बंद कर दिए गए। क्यों? एक तरफ देश की आबादी बढ़ रही है, तो सरकारी स्कूलों की संख्या बढ़नी चाहिए थी? अगर सरकारी स्कूलों का स्तर अच्छा कर दिया जाता तो लोग अपने बच्चों को प्राइवेट से निकाल कर सरकारी स्कूलों में भेजना शुरू कर देते, जैसा कि अब दिल्ली में होने लगा है। लेकिन देश भर में सरकारी स्कूलों का बंद होना खतरे की घंटी है। इससे पता चलता है कि शिक्षा सरकार की प्राथमिकता है ही नहीं। अगर हम अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं देंगे, तो क्या भारत तरक्की कर सकता है? कभी नहीं!

Manish Sisodia, Delhi, Narendra Modi, Delhi Liquor Policy

सिसोदिया ने पूछा- क्या अनपढ़ या कम पढ़ा-लिखा होना गर्व की बात है?

दिल्ली के पूर्व शिक्षा मंत्री ने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री मोदी जी का एक वीडियो देखा था, जिसमें वो बड़े गर्व के साथ कह रहे हैं कि वे पढ़े-लिखे नहीं है। केवल गांव के स्कूल तक ही उनकी शिक्षा हुई। क्या अनपढ़ या कम पढ़ा-लिखा होना गर्व की बात है? जिस देश के प्रधानमंत्री को कम पढ़े-लिखे होने पर गर्व हो, उस देश में एक आम आदमी के बच्चे के लिए अच्छी शिक्षा का कभी इंतजाम नहीं किया जाएगा।

इसे भी पढ़ें:  Today Headlines, 15 March 2023: जमीन के बदले नौकरी घोटाले में लालू-राबड़ी की कोर्ट में पेशी आज
और पढ़िए – Paper Leak Case: तेलंगाना भाजपा चीफ बंदी संजय कुमार को मिली जमानत, करीमनगर जेल से हुए रिहा

सिसोदिया ने अपनी चिट्ठी में लिखा कि हाल के वर्षों में 60,000 सरकारी स्कूलों को बेद किया जाना इस बात का जीता जागता प्रमाण है। ऐसे में मेरा भारत कैसे तरक्की करेगा? आप अपनी छोटी सी कंपनी के लिए एक मैनेजर रखने के लिए भी एक पढ़े-लिखे व्यक्ति को ही ढूंढ़ते हैं। क्या देश के सबसे बड़े मैनेजर को पढ़ा लिखा नहीं होना चाहिए?

और पढ़िए – देश से जुड़ी अन्य बड़ी ख़बरें यहाँ पढ़ें



[ad_2]

Source link

संस्थापक, प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया प्रजासत्ता पाठकों और शुभचिंतको के स्वैच्छिक सहयोग से हर उस मुद्दे को बिना पक्षपात के उठाने की कोशिश करता है, जो बेहद महत्वपूर्ण हैं और जिन्हें मुख्यधारा की मीडिया नज़रंदाज़ करती रही है। पिछलें 9 वर्षों से प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया संस्थान ने लोगों के बीच में अपनी अलग छाप बनाने का काम किया है।

Join WhatsApp

Join Now

Leave a Comment