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अडाणी मुद्दे पर क्यों JPC जांच के पक्ष में नहीं हैं शरद पवार? एनसीपी चीफ ने खुद बताई वजह

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Sharad Pawar On JPC Probe: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के चीफ शरद पवार ने एक टीवी चैनल से इंटरव्यू में अडाणी मुद्दे पर जेपीसी जांच की मांग को खारिज कर दिया। इस दौरान पवार ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर सवाल भी उठाया और कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को इतनी महत्ता क्यों दी जा रही है? हमने हिंडनबर्ग के बारे में कभी नहीं सुना, इनका बैकग्राउंड क्या है?

शरद पवार ने कहा कि अदाणी मामले में जेपीसी से ज्यादा SC की कमेटी पर भरोसा मुझे भरोसा है। उन्होंने ये भी कहा कि ऐसा लगता है कि अदाणी ग्रुप को टारगेट किया जा रहा है। जब हम ऐसे मुद्दे उठाते हैं जो पूरे देश में हंगामा मचाते हैं तो इसकी कीमत देश की अर्थव्यवस्था को चुकानी पड़ती है।

पवार ने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की

शरद पवार ने कहा कि ये सच है कि हमारी पार्टी पहले उन दलों में शामिल थी जिन्होंने अडाणी मुद्दे पर जेपीसी की मांग की थी, लेकिन मेरा मानना है कि जेपीसी में सत्ता पक्ष से 15 लोग और विपक्ष से 5-6 लोग ही होंगे। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग करते हुए कहा कि जेपीसी में अगर बहुमत सत्ताधारी दल का है, तो यह निश्चित नहीं है कि देश के सामने कितनी सच्चाई आएगी।

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पवार ने कहा कि एक समय था जब टाटा-बिड़ला का नाम सरकार की आलोचना के लिए लिया जाता था लेकिन देश के विकास में उनका उचित योगदान था। पवार ने कहा, “अब सरकार की आलोचना करने के लिए अंबानी और अडाणी का नाम लिया जाता है। लेकिन देश में उनके योगदान के बारे में भी सोचने की जरूरत है।” पवार ने कहा, “मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि विपक्ष के सामने कई महत्वपूर्ण मुद्दे हैं: बेरोजगारी, मूल्य वृद्धि और किसान।”

कांग्रेस बोली- एनसीपी का अपना दृष्टिकोण हो सकता है

अडाणी समूह की संसदीय जांच पर पवार के बयान पर शुक्रवार को कांग्रेस ने भी प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस नेता और पार्टी के संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा कि एनसीपी का अपना दृष्टिकोण हो सकता है लेकिन 19 समान विचारधारा वाले विपक्षी दल आश्वस्त हैं कि पीएम से जुड़े अडानी समूह का मुद्दा वास्तविक और बहुत गंभीर है। उन्होंने ये भी कहा कि एनसीपी सहित सभी 20 समान विचारधारा वाले विपक्षी दल एकजुट हैं और एक साथ रहेंगे।

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वहीं, राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि अडाणी मामले पर चाहे तृणमूल कांग्रेस हो या NCP की अपनी-अपनी अलग राय हो लेकिन इससे विपक्ष की एकजुटता में कोई दरार नहीं आएगी।



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