Google News Preferred Source
साइड स्क्रोल मेनू

पटना हाईकोर्ट से राहुल गांधी को बड़ी राहत, MP-MLA कोर्ट के आदेश पर उच्च न्यायालय की रोक

पटना हाईकोर्ट से राहुल गांधी को बड़ी राहत, MP-MLA कोर्ट के आदेश पर उच्च न्यायालय की रोक

प्रजासत्ता नेशनल डेस्क|
मोदी सरनेम वालों के लिए आपत्तिजनक टिप्पणी कर मुकदमे में फंसे राहुल गांधी को पटना हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने ‘मोदी सरनेम’ मानहानि मामले में निचली अदालत के आदेश पर 15 मई तक रोक लगा दी है। इससे पहले पटना की एमपी/एमएलए अदालत ने राहुल गांधी को 25 अप्रैल को पेश होने का आदेश दिया था। अब अगली सुनवाई 15 मई को होगी।

राहुल गांधी ने 22 अप्रैल को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उन्होंने भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी द्वारा उनके खिलाफ दायर मानहानि के मामले में एमपी/एमएलए अदालत द्वारा जारी समन को रद्द करने की मांग की थी।

इसे भी पढ़ें:  कांग्रेस-जेडीएस के गढ़ में पीएम मोदी का रोड शो

राहुल गांधी के वकील वीरेंद्र राठौर ने कहा कि हमने एक याचिका दायर की थी। जब कोई मामला सूरत की अदालत में पहले से ही चल रहा हो, तो उसी मामले में दूसरी अदालत में दूसरी सुनवाई नहीं हो सकती। यह अवैध है। अगली सुनवाई 15 मई को है और निचली अदालत की सभी कार्यवाही तब तक के लिए रोक दी गई है। वहीं, सुशील मोदी के वकील एडवोकेट एसडी संजय ने कहा कि अदालत ने उन्हें मामले पर तर्क रखने के लिए कहा है।

एमपी एमएलए कोर्ट में बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने याचिका दायर की थी। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए राहुल गांधी को 25 अप्रैल को MP MLA कोर्ट में हाजिर होने का आदेश मिला था। लेकिन उनके वकील की तरफ से कोर्ट में यह अर्जी लगाई गई कि इसी मामले में उन्हें सजा हो चुकी है। अब इस मामले में पटना हाईकोर्ट ने निचली अदालत में सुनवाई के लिए 15 मई तक के लिए रोक लगा दी है। बताते चलें मोदी सरनेम वाले मामले में मानहानि के मुकदमे की सुनवाई पटना हाई कोर्ट में चल रही है।

इसे भी पढ़ें:  देश में दम तोड़ रहा कोरोना, 24 घंटे में आए मात्र 60 नए केस

बताते चलें कि सूरत कोर्ट से सजा पाने के बाद पटना हाई कोर्ट ने निचली अदालत के आदेश पर 15 मई, 2023 तक का रोक लगाते हुए राहुल गांधी को फिलहाल राहत दी। जस्टिस संदीप कुमार की बेंच ने राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई की। पटना की निचली अदालत ने उन्हें 25 अप्रैल 2023 को कोर्ट में सशरीर उपस्थित हो कर अपना पक्ष प्रस्तुत करने को कहा था।

संस्थापक, प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया प्रजासत्ता पाठकों और शुभचिंतको के स्वैच्छिक सहयोग से हर उस मुद्दे को बिना पक्षपात के उठाने की कोशिश करता है, जो बेहद महत्वपूर्ण हैं और जिन्हें मुख्यधारा की मीडिया नज़रंदाज़ करती रही है। पिछलें 9 वर्षों से प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया संस्थान ने लोगों के बीच में अपनी अलग छाप बनाने का काम किया है।

Join WhatsApp

Join Now

Leave a Comment