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Shimla Masjid Controversy: संजौली मस्जिद विवाद ने फिर माहौल गरमाया, देवभूमि संघर्ष समिति ने बिजली और पानी काटने की उठाई मांग..!

Shimla Masjid Controversy: संजौली मस्जिद विवाद ने फिर माहौल गरमाया, देवभूमि संघर्ष समिति ने बिजली और पानी काटने की उठाई मांग..!

Shimla Masjid Controversy: शिमला के संजौली में मस्जिद विवाद ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया है। मंगलवार (20 मई 2025) को देवभूमि संघर्ष समिति और स्थानीय लोगों ने संजौली मस्जिद के बाहर हनुमान चालीसा पाठ का ऐलान किया। इस दौरान समिति ने मस्जिद के बिजली और पानी के कनेक्शन काटने की माँग भी उठाई।

हालाँकि, पुलिस ने चौक पर भारी तैनाती कर कार्यकर्ताओं को मस्जिद प्रांगण तक पहुँचने से रोक दिया। इससे तनाव बढ़ गया। प्रशासन ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात करना पड़ा। मंगलवार को जैसे ही समिति के कार्यकर्ता और स्थानीय लोग संजौली चौक पर जमा हुए, पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर उन्हें मस्जिद तक जाने से रोक दिया। इस दौरान संघर्ष समिति ने सरकार और प्रशासन के खलाफ नारेबाजी भी की।

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“देवभूमि संघर्ष समिति के सह-संयोजक मदन ठाकुर ने कहा कि हमें हनुमान चालीसा गाने और अपनी चीजों को वैध साबित करने के लिए सड़क पर आना पड़ रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि एमसी शिमला आवारा कुत्तों को भी कंट्रोल नहीं कर पा रही है, और जगह-जगह मुसलमानों को बसाया जा रहा है। हमारे स्थानीय युवाओं को न तो रेडी-फड़ी लगाने की अनुमति दी जा रही है और न ही कोई स्वरोजगार के अवसर मिल रहे हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले दो महीनों में इतने मुसलमान हिमाचल में आए हैं, शायद एसपी से उनके अच्छे संबंध हैं, क्योंकि उनकी कोई छानबीन नहीं हुई। हिमाचल में 98% हिंदू होने के बावजूद, संजोली में हनुमान चालीसा पढ़ने के बाद पुलिस की सुरक्षा दी गई। अगर यह सुरक्षा नहीं होती, तो शायद हमारी गर्दनें कट चुकी होतीं। यह बात उन्होंने सरकार पर तंज भरे अंदाज में कही।”

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क्या है मस्जिद विवाद? (Shimla Masjid Controversy)

दरअसल, संजौली मस्जिद का विवाद 2010 से चल रहा है, जब नगर निगम ने मस्जिद की पाँच में से तीन मंजिलों को अवैध घोषित किया था। 5 अक्टूबर 2024 को नगर निगम की कोर्ट ने इन मंजिलों को गिराने का आदेश दिया, जिसके बाद मस्जिद कमेटी ने स्वेच्छा से तीन मंजिलें तोड़ने का काम शुरू किया।

मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ ने कहा, “हमने शांति और भाईचारे के लिए अवैध हिस्से को हटाने का फैसला किया।” लेकिन, हिंदू संगठनों और देवभूमि संघर्ष समिति का कहना है कि मस्जिद की बाकी दो मंजिलें भी अवैध हैं, और इसका बिजली-पानी का कनेक्शन काटा जाना चाहिए।

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