Himachal News : हिमाचल में दूसरी बार आई प्राकृतिक आपदा के बाद मुख्यमंत्री सुक्खू ने ऐलान किया है कि आपदा प्रभावित परिवारों के लिए राहत पैकेज लेकर आयेंगे, उन्होंने कहा कि शहरी और अति पहाड़ी क्षेत्रों के लिए नए पैकेज पर कैबिनेट में होगी चर्चा के बाद मंजूरी होगी, जिसके लिए कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जायेगा। मंगलवार को भट्ठाकुफर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान सीएम ने कहा कि सरकार प्रभावितों को राहत पहुंचाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।
मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि राज्य में प्राकृतिक आपदा से अब तक 700 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। उन्होंने बताया कि सबसे अधिक नुकसान मंडी जिले में हुआ है, जहां आपदा ने व्यापक तबाही मचाई है। सीएम सुक्खू ने घोषणा की कि सरकार आपदा प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए एक विशेष राहत पैकेज लाएगी, जिसे जल्द ही कैबिनेट में प्रस्तुत किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने भाजपा के नेताओं से आग्रह किया कि वे नई दिल्ली से राहत कोष की राशि रोकने की कोशिश न करें। उन्होंने कहा कि फोरलेन निर्माण कार्य से भी बड़े पैमाने पर नुकसान हो रहा है, जिसे लेकर वे केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से बात करेंगे।
बातचीत के दौरान सीएम सुक्खू ने कहा कि सरकार प्रभावितों को राहत पहुंचाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों के लिए तो हमने 7 लाख का राहत पैकेज घर निर्माण के लिए दिया है। लेकिन शिमला जैसे शहरों में जहाँ मेटेरियल लाना लेजाना मुश्किल है। वहां पर भी लोगों को राहत देंने के लिए पैकेज बढ़ाना पड़ेगा जिसके लिए कैबिनट में प्रस्ताव लाया जायेगा।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभावित परिवारों को पांच हजार रुपये किराए के रूप में दिए जा रहे हैं, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह राशि दस हजार रुपये होगी। उन्होंने खुद हेलिकॉप्टर से राशन लेकर मंडी के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया, जहां भाजपा के नेता मौके पर नहीं दिखे। उस समय खच्चरों की मदद से राशन और जरूरी सामान पहुंचाया गया।
सीएम सुक्खू ने भाजपा नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि वे इस मुश्किल समय में सिर्फ बयानबाजी कर रहे हैं, जिससे कोई फायदा नहीं होगा। उन्होंने बताया कि केंद्र की ओर से आने वाली टीमें निरीक्षण करती हैं, लेकिन उनकी सिफारिशों के बावजूद राशि दो-दो साल बाद भी बहुत कम मिलती है।इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने भूस्खलन के खतरे को देखते हुए फोरलेन निर्माण के लिए पहाड़ियों की कटिंग पर फिलहाल रोक लगाने के निर्देश दिए हैं, ताकि और नुकसान से बचा जा सके।
लापता लोगों की तलाश जारी
उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश के आई आपदा में लापता लोगों की खोजबीन के लिए एनडीआरएफ के जवान लगातार नाै दिन से डटे हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में इस मानसून सीजन 20 जून से 8 जुलाई तक 80 लोगों को जान गंवानी पड़ी है। 128 लोग घायल हुए हैं। 35 लोग लापता हैं। 382 से अधिक कच्चे-पक्के मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। 364 गोशालाओं को भी नुकसान पहुंचा है। नुकसान का आंकड़ा 69,265.60 लाख रुपये तक पहुंच गया है। इस दाैरान 28 लोगों की सड़क हादसों में माैत हुई है।
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