Sanjoli Mosque Dispute: राजधानी शिमला के संजौली क्षेत्र में कथित अवैध मस्जिद को लेकर चल रहा विवाद अब चरम पर पहुँचता दिख रहा है। हिंदू संगठनों ने शुक्रवार को बड़े पैमाने पर प्रदर्शन और शिमला बंद का ऐलान किया है। संगठनों का साफ कहना है कि इस बार का आंदोलन 11 सितंबर के प्रदर्शन से कहीं अधिक तीव्र होगा और किसी भी कीमत पर उस ढांचे में नमाज नहीं होने दी जाएगी।
पिछले शुक्रवार को जब कुछ लोग नमाज के लिए जा रहे थे, तो स्थानीय महिलाओं और हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने उन्हें रोक दिया था। इसके बाद अवैध ढांचे का बिजली-पानी कनेक्शन काटने और उसे सील करने की मांग उठी। इस घटना में चार महिलाओं समेत छह लोगों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया था।
इसी के विरोध में मंगलवार सुबह से संजौली थाना परिसर के बाहर हिंदू संघर्ष समिति के बैनर तले कार्यकर्ता आमरण अनशन पर बैठ गए हैं। अनशन की अगुवाई कर रहे देवभूमि संघर्ष समिति के नेता मदन ठाकुर चौथे दिन भी बिना कुछ खाए धरने पर हैं। उनकी तबीयत बिगड़ने की खबरें आ रही हैं।
हिंदू संघर्ष समिति के संयोजक विजय शर्मा ने कहा, “हमने शांतिपूर्ण सत्याग्रह किया, प्रशासन से बार-बार निवेदन किया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अब मजबूरन हमें सड़क पर उतरना पड़ रहा है। शुक्रवार को प्रदेश के कोने-कोने से हजारों लोग संजौली आएंगे। पूरा शिमला बंद रहेगा।”
संगठनों की मुख्य मांगें:
– कोर्ट द्वारा अवैध घोषित ढांचे को तत्काल गिराया जाए
– बिजली और पानी का कनेक्शन पूरी तरह काटा जाए
– वहाँ कोई धार्मिक गतिविधि न होने दी जाए
– पिछले प्रदर्शन में दर्ज किए गए सभी मुकदमे वापस लिए जाएं
प्रदर्शन सुबह 11 बजे से शुरू होगा और संगठनों ने चेतावनी दी है कि जुमे के दिन नमाज के लिए किसी को भी उस स्थान पर नहीं जाने दिया जाएगा।
इधर, जिला प्रशासन और शिमला नगर निगम पर कोर्ट के आदेश का पालन न करने का आरोप लगाते हुए आंदोलनकारी बेहद नाराज हैं। प्रशासन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक कानून-व्यवस्था को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात करने की तैयारी की जा रही है।
संजौली का यह विवाद कई महीनों से चल रहा है और अब यह पूरे प्रदेश के हिंदू संगठनों का साझा आंदोलन बन चुका है। शुक्रवार का दिन बेहद तनावपूर्ण रहने की आशंका है।











