Himachal Pensioners Protest: धर्मशाला, 28 नवंबर। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान शुक्रवार को राज्य के पेंशनरों ने अपनी मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। धर्मशाला के पुलिस ग्राउंड में 18 अलग-अलग पेंशनर संगठनों ने ‘पेंशन संघर्ष समिति’ के बैनर तले एकजुट होकर सरकार के खिलाफ रैली निकाली और तत्काल मांग पूरी करने की चेतावनी दी।
पुलिस मैदान में सुबह से ही पेंशनरों और कर्मचारी संगठनों के सदस्यों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया था। बढ़ती भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया था। पेंशनरों ने पेंशन, वेतनमान, भत्ते और कर्मचारियों से जुड़े लंबित मुद्दों को लेकर सरकार को आड़े हाथों लिया।
पेंशनर नेता सुरेश ठाकुर ने सरकार और मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, “पिछले तीन वर्षों से हमारी मांगों पर कोई सुनवाई नहीं हुई है। मुख्यमंत्री हमसे मिलने तक तैयार नहीं हैं, जिससे उम्रदराज पेंशनर्स में भारी आक्रोश है। सरकार प्रदेश के बुजुर्गों को उनके हक के लिए सड़कों पर उतरने को मजबूर कर रही है।”
पेंशन फेडरेशन के उपप्रधान अमरनाथ ने बताया, “हिमाचल प्रदेश के सभी पेंशनर का जनवरी 2016 से जनवरी 2022 तक नए वेतनमान के अनुसार एरियर लंबित है और मेडिकल बिलों का भुगतान नहीं किया गया है। 90 साल तक के बुजुर्ग अपने एरियर और मेडिकल बिलों का इंतजार कर रहे हैं। 25 से 30 लाख का बकाया सरकार को पेंशनर का देना है।”
प्रदर्शनकारियों ने पुरानी पेंशन बहाली, एसीपी, मेडिकल रीइंबर्समेंट, नई भर्तियों में पारदर्शिता और वेतनमान समायोजन सहित कई मुद्दों को उठाया। संगठनों ने एक स्वर में सरकार पर वादे न निभाने का आरोप लगाते हुए नारेबाजी की। पेंशनर संगठनों ने साफ चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि जल्द ही उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वे अपना आंदोलन और तेज करेंगे। उन्होंने सरकार से तत्काल वार्ता करने और टकराव की स्थिति से बचने का आह्वान किया है।
1.78 लाख पेंशनर प्रभावित
बता दें कि हिमाचल में करीब 1 लाख 78 हजार पेंशनर हैं और सरकार हर माह पेंशन पर 800 करोड़ रुपये खर्च करती है। राज्य में साल 2016 में छठा वित्त आयोग लागू हुआ था और साल 2026 में अब दोबारा से नया वित्त आयोग लागू होने वाला है, लेकिन अभी तक पेंशनरों को छठे वेतन आयोग का एरियर नहीं मिल पाया है।












