Rahul Gandhi in Germany: लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने जर्मनी की राजधानी बर्लिन में हुए एक कार्यक्रम के दौरान केंद्र की भाजपा सरकार पर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि सत्ताधारी दल प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का इस्तेमाल करके अपने राजनीतिक विरोधियों को निशाना बना रहा है। भाजपा ने गांधी की इस टिप्पणी की कड़ी आलोचना करते हुए इसे देश के खिलाफ बयान बताया और उनके व्यवहार को बचकाना कहा।
अन्तरराष्ट्रीय मीडिया चैनलों की खबरों के मुताबिक, बर्लिन के प्रतिष्ठित हर्टी स्कूल में पिछले सप्ताह आयोजित एक समारोह में राहुल गांधी ने कहा, “हमारी संस्थाओं पर कब्जा किया जा रहा है। उन पर पूरी तरह से हमला हो रहा है। हमारी खुफिया एजेंसियों, ईडी और सीबीआई को हथियार बना दिया गया है। ईडी और सीबीआई के पास भाजपा के खिलाफ कोई मामला नहीं है। अधिकांश राजनीतिक मामले उन लोगों के खिलाफ हैं जो उनका विरोध करते हैं।”
राहुल गांधी पिछले सप्ताह जर्मनी की पांच दिन की यात्रा पर गए थे। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि यदि कोई व्यवसायी कांग्रेस का समर्थन करता है तो उसे धमकियां मिलती हैं। उनका कहना था कि भारत की संस्थाएं अब ठीक से काम नहीं कर रही हैं। उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस ने ही इन संस्थागत ढांचों का निर्माण किया था और पार्टी ने इन्हें कभी भी अपनी संपत्ति नहीं माना, बल्कि इसे देश की धरोहर समझा।
राहुल गांधी ने कहा, “भाजपा इस दृष्टिकोण से नहीं देखती। वे संस्थागत ढांचे को अपनी निजी संपत्ति समझते हैं। वे इसका इस्तेमाल राजनीतिक ताकत बढ़ाने के लिए एक हथियार की तरह करते हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि भारत में लोकतंत्र पर हमला हो रहा है और इसे रोकने की जरूरत है। राहुल गांधी ने कहा, “हम एक ऐसा विपक्षी मोर्चा तैयार करेंगे जो सफल होगा। हम भाजपा से नहीं, बल्कि उनके द्वारा कब्जा किए गए भारतीय संस्थागत ढांचे से लड़ रहे हैं।”
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक नीतियों पर भी सवाल उठाए। उनका आरोप था कि भाजपा और आरएसएस ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की पुरानी नीतियों को ही बिना किसी बदलाव के आगे बढ़ाया है। राहुल गांधी का कहना है कि मोदी सरकार का आर्थिक मॉडल अब पूरी तरह से विफल हो चुका है और अब यह कोई परिणाम नहीं दे सकता।
राहुल ने दावा किया कि भारत में कई लोग प्रधानमंत्री मोदी का समर्थन करते हैं, लेकिन देश की एक बहुत बड़ी आबादी उनकी विचारधारा और देश के लिए उनके दृष्टिकोण से पूरी तरह असहमत है। उनका मानना है कि यह दृष्टिकोण गलत है और यह देश में गहरे सामाजिक तनाव पैदा करने का एक बड़ा खतरा बन सकता है।












