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परवाणू 108 एम्बुलेंस कर्मचारी मरीजों की जान से कर रहे खिलवाड़

परवाणू 108 एम्बुलेंस कर्मचारी मरीजों की जान से कर रहे खिलवाड़

अमित ठाकुर | परवाणू
परवानू में वीरवार की सुबह करीब 2 आपातकाल के चलते परवानू के एएसआई अस्पताल से एक मरीज को चंडीगढ़ रेफर किया गया । जिसके लिए एम्बुलेंस को बुलाने के लिए 108 पर फोन किया गया जिस पर अस्पताल के बाहर खड़ी एम्बुलेंस की जानकारी उन्हें दी गयी। एम्बुलेंस में कम्पाउण्डर द्वारा ऑक्सीजन लगा कर सारी तैयारी कर ली गयी परन्तु ड्राइवर नहीं पहुंचा। कुछ देर इंतजार करने के बाद उन्होंने एक बार फिर 108 पर फोन लगाया और ड्राइवर के बारे में बताया । परंतु उसके बाद भी ड्राइवर के ना होने पर मरीज के साथ आए परिचारक के मित्र ने अंदर जाकर ड्राइवर के बारे में पूछताछ की।

अंदर ड्राइवर व एक अन्य व्यक्ति मौजूद थे जिनमें एक व्यक्ति ने शराब का बहुत अधिक सेवन कर रखा था। पूछने पर उस व्यक्ति ने ड्राइवर होने से इनकार कर दिया तथा दूसरे व्यक्ति ने यह कहकर इंकार कर दिया कि उसकी ड्यूटी नहीं है। मौके की नजाकत व मरीज की गम्भीर हालत को देखते हुए मजबूरन मरीज के परिचारक को स्वयं एम्बुलेंस चलाकर ले जाना पड़ा व ड्राइवर साथ मे बैठा रहा। बता दें कि जिला सोलन में कुल 18 एम्बुलेंस मौजूद हैं जिनमे हर वाहन में 2 लोग मौजूद रहते हैं तथा दोनो की गैरमौजूदगी पर एक अन्य चालक आपातकाल के लिए तैयार रहता है। ऐसे में चालक रात के समय शराब पीकर बैठ जाते है या नशे की हालत में गाड़ी चलाते है तो मरीज तथा उसके परिचारकों की जिंदगी का खतरा बना रहता है।

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108 कि लापरवाही या गलत इस्तेमाल का मामला नया नहीं है लोकडाउन के चलते 108 में बजरी रेता लोड करने का वीडियो भी वायरल हुआ था । मरीज की हालत में सुधार के बाद परिवार ने इस बात का खुलासा किया तथा इसे एक जानलेवा लापरवाही बताया।

हैरानी की बात है कि 108 कर्मियों पर शायद किसी तरह की कोई बंदिश या जांच नहीं है इसीलिए इस घटना की जानकारी 108 के कार्यालय तक नहीं पहुंच सकी है। 108 के जिला सुपरवाइजर से इस बारे में 108 के सुपरवाइजर रजनीश कुमार किसी भी तरह की जानकारी से इनकार किया तथा।मामले की जांच का आश्वासन दिया। परिवार के सदस्यों ने बताया कि मरीज की गंभीर हालत के चलते इस बारे में किसी से बात नहीं कर सके परन्तु वह इसकी शिकायत अवश्य करेंगे।

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इस बारे में किसी भी प्रकार की जानकारी अस्पताल के किसी भी डॉक्टर संज्ञान में नहीं है । 108 का अस्पताल से कोई सम्पर्क नहीं है इस पर मरीज के परिचारक द्वारा स्वयं फोन किया जाता है तथा डॉक्टर से बात कराई जाती है । इस वारे में यदि कोई समस्या आती है तो 108 कार्यालय द्वारा ही निदान किया जाता है अस्पताल का इसमे कोई भूमिका नहीं है । डॉ. विनोद कपिल चिकित्सा अधीक्षक ईएसआई अस्पताल परवानू।

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