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देहरा गोपीपुर : अनुसूचित जाति के लोगों का यह गांव “घन वन” आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित

देहरा गोपीपुर : अनुसूचित जाति के लोगों का यह गांव "घन वन" आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित

देहरा गोपीपुर|
भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अक्षय सिंह डढ़वाल ने आज पत्रकारों से बात करते हुए कहा है कि पंचायत नंदपुर भटोली के अंतर्गत आने वाले गांव घन बन जोकि आजादी के बाद से ही मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहा है। आज भी ग्रामीणों के लिए पक्की सड़क नहीं बन पाई है ग्रामीणों का कहना है कि अगर कोई बुजुर्ग बीमार हो जाता है तो उसे चारपाई पर कंधो पर ले जाना पड़ता है। इसी के चलते कई बुजुर्गों को उपचार ना मिलने की वजह से उनकी जान भी चली गई है।

आज भी गांव में प्राथमिक चिकित्सालय नहीं है। सरकार द्वारा दी गई 108 एंबुलेंस की सुविधा भी गांव तक नहीं पहुंच पाती है जिसके चलते ग्रामीणों मैं काफी रोष है। गैस सब्जी और और किसी भी प्रकार का वाहन या टैक्सी गांव तक नहीं पहुंच पाता है। बरसात के समय महिलाओं का बुजुर्गों का घरों तक पहुंचना दुश्वार हो जाता है।

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70 वर्षीय विमला देवी का कहना है कि अगर 4 लोग ना हो किसी बुजुर्ग को उठाने के लिए तो वह घर में ही दम तोड़ देगा। बच्चों के लिए आंगनबाड़ी की सुविधा भी घन बन में उपलब्ध नहीं है हालांकि पंचायत नंदपुर भटोली में 7 आंगनबाड़ी है। और घन बन के ग्रामीण अपने छोटे बच्चों को खराब सड़क की वजह से दूर आंगनबाड़ी में नहीं भेजना चाहते हैं इसी वजह से बच्चे अशिक्षित रहते हैं क्योंकि जब तक वह 6 साल के नहीं हो जाते वह प्राथमिक पाठशाला में नहीं जा सकते हैं।

घन बन के बच्चे किसी भी आंगनबाड़ी में नहीं जाते हैं उनके सिर्फ अभिभावक आंगनबाड़ी में राशन लेने के लिए बुलाए जाते हैं और वह भी 3 किलोमीटर दूर पैदल आना पड़ता है। शादी के लिए लड़कियों की शादी के लिए जो भवन सरकार द्वारा बनाया गया है उसमें आंगनबाड़ी खुल सकती है और बच्चों को शिक्षा भी प्रदान की जा सकती है ग्रामीणों का कहना है।

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ग्रामीणों का कहना है कि यह रास्ता वन विभाग के अंतर्गत आता है इसलिए एनओसी लेना अनिवार्य है और इस रास्ते पर किसी भी प्रकार का कोई पेड़ नहीं है और रास्ता लगभग 7 फुट चौड़ा और 500 मीटर लंबा है।

राजकुमार का कहना है कि यहां पर मिनी आंगनबाड़ी भी खुल सकती है और जिससे बच्चों के भविष्य को सही दिशा दी जा सकती है। एक तरफ जयराम सरकार दावा करती है कि अनुसूचित जाति को भिन्न भिन्न प्रकार की सुविधाएं दी जा रही हैं लेकिन दूसरी तरफ अनुसूचित जाति का यह गांव घन वन मूलभूत सुविधाओं से वंचित है।

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इस मौके पर सुनील कुमार, राजकुमार, कृष्णा देवी, विमला देवी, ओंकार सिंह, सुरेंद्र सिंह, स्वरूप लाल, बुद्धि सिंह, संजय कुमार, अमन सिंह ,करण सिंह, अमन कुमार
, साहिल कुमार वह अन्य मौजूद रहे।

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