Google News Preferred Source
साइड स्क्रोल मेनू

बिलासपुर के घुमारवीं में एक बार फिर मिली गुच्छी

बिलासपुर के घुमारवीं में एक बार फिर मिली गुच्छी

सुभाष कुमार गौतम/घुमारवीं
हिमाचल प्रदेश के ऊपरी जिलों में गुच्छी मिलना कोई हैरानी की बात नहीं है। लेकिन अक्सर ये देखा गया है कि पिछले चार पांच सालों से बिलासपुर हमीरपुर जैसे गर्म इलाकों में भी पाई जा रही है। यह इतनी ज्यादा तो नहीं होती पर इसका मिलना इस बात का प्रमाण है कि यहां भी इस गुच्छी की पैदावार को बढ़ावा दिया जा सकता है।

अगर सरकार और कृषि विभाग इसपर कुछ और शोध करे। कुछ साल पहले राजकीय स्वामी विवेकानंद महाविद्यालय घुमारवीं में घास की सफाई के दौरान वहां पर लगे गोरखो को यह गुच्छी मिली है। लेकिन पिछले कल हमारे एक सहपाठी और दोस्त को गुच्छी मिली। जब बह अपनी जमीन में घास का काम कर रहे थे।

इसे भी पढ़ें:  हिमाचल में बोर्ड की परीक्षाओं को स्थगित करने से अविभावकों को सता रही बच्चों के भविष्य की चिंता

अनिल ठाकुर और उनकी पत्नी अध्यापक है घुमारवीं उपमंडल की ग्राम पंचायत लैहडी सरेल के गांव जोल बाहल के रहने वाले अनिल ठाकुर ने इसकी तस्वीर अपने अकाउंट पर शेयर की है आपको बताते चलें कि हिमाचल प्रदेश में पैदा होने वाली गुछी की कीमत कम नहीं वल्कि हजारों में होती है तो खाने में लजीज और और बहुत सी बीमारियों का इलाज है।

YouTube video player
संस्थापक, प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया प्रजासत्ता पाठकों और शुभचिंतको के स्वैच्छिक सहयोग से हर उस मुद्दे को बिना पक्षपात के उठाने की कोशिश करता है, जो बेहद महत्वपूर्ण हैं और जिन्हें मुख्यधारा की मीडिया नज़रंदाज़ करती रही है। पिछलें 9 वर्षों से प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया संस्थान ने लोगों के बीच में अपनी अलग छाप बनाने का काम किया है।

Join WhatsApp

Join Now

Leave a Comment