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बड़े न होते तो सारे फसाद खड़े न होते!

मन जब दुखी होता है तो अपने आप ही “आह” या बद्दुआ निकल जाती है

December 28, 2020

मन जब दुखी होता है तो अपने आप ही “आह” या बद्दुआ निकल जाती है और ऐसा भी शांत मन साफ दिल लोग ही कर....

हिमाचल प्रदेश में पंचायत चुनाव का बिगुल बज गया है।

December 17, 2020

हिमाचल प्रदेश चुनाव आयोग ने प्रदेश में आचार सहिंता को लागू कर दिया है, इसके साथ ही प्रदेश में पंचायत चुनावों को लेकर सरगर्मियां तेज....

छात्र अभिभावक मंच हिमाचल प्रदेश ने निजी स्कूलों द्वारा टयूशन फीस के साथ सभी तरह के चार्जेज़ की वसूली के खिलाफ शिक्षा निदेशालय शिमला के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया।

December 16, 2020

छात्र अभिभावक मंच हिमाचल प्रदेश ने निजी स्कूलों द्वारा टयूशन फीस के साथ सभी तरह के चार्जेज़ की वसूली के खिलाफ शिक्षा निदेशालय शिमला के....

बड़े न होते तो सारे फसाद खड़े न होते!

थोड़ा एटीट्यूड भी रखना जरूरी होता है, ज्यादा झुकने पर लोग गिरा हुआ समझ लेते हैं।

December 16, 2020

थोड़ा एटीट्यूड भी रखना जरूरी होता है, ज्यादा झुकने पर लोग गिरा हुआ समझ लेते हैं। यह बात मैंने सिर्फ कुछ दिनों में महसूस की....

बड़े न होते तो सारे फसाद खड़े न होते!

बन्द करो सोशल मीडिया पर नँगा नाच अपना

December 6, 2020

अरे ओ झंड मंच के कलाकारों सोनिया स्मृति हो गया हो तुम्हारा तो कभी किसी मर्द के सहारे भी राजनीति करो या काबिल नहीं हो।....

बड़े न होते तो सारे फसाद खड़े न होते!

बड़े न होते तो सारे फसाद खड़े न होते!

December 2, 2020

तृप्ता भाटिया| बचपन में दिल्ली का पता नहीं था मुझे, अपने घर से नाना का घर बहुत दूर लगता था। बसें टाइम से चलती थी....

जो लोग समय होते हुए भी लंबे लेख नहीं पढ़ पाते उनकी मानसकिता केवल”मैं” होती है।

December 1, 2020

जो लोग लंबे लेख नहीं पढ़ पाते समय होते हुए भी उनकी मानसिकता केवल “मैं”होती है उनको जहाँ लगता कि जब मेरी तरीफ या बात....

मेरी जिमेबारी कलम से प्रहार करने है, आपकी क्या है ?तय कीजिये

November 30, 2020

मेरी जिमेबारी कलम से प्रहार करना है और आपकी नियत पर निर्भर है कि आपकी क्या है? आप दुनिया के सारे मुद्दे शिक्षा गरीबी रोज़गार....

आदमी जो सुनता है, आदमी जो कहता है ज़िंदगी भर वो सदायें पीछा करती हैं।

November 29, 2020

तृप्ता भाटिया ✍️ आदमी जो सुनता है, आदमी जो कहता है ज़िंदगी भर वो सदायें पीछा करती हैं। दूसरे लोगों को कूड़ादान समझना बन्द करें....

शीतल शर्मा की कलम से "मेरी बात सुनो"

शीतल शर्मा की कलम से “मेरी बात सुनो”

October 3, 2020

सुनो तो, रोती तुम हो भीग हम जाते हैं! टपक- टपक जब वह गिरते हैं ,तो मेरे सीने में आग लगा जाते हैं!! बच्चों जैसे....

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