–जब कार्तिक आर्यन ने सिनेमा के जरिए एक अनदेखे चैंपियन को अमर कर दिया!
Chandu Champion Story: बॉलीवुड में कार्तिक आर्यन की यात्रा दृढ़ संकल्प की मिसाल है—एक ऐसा बाहरी कलाकार, जिसने इंडस्ट्री में बिना किसी गॉडफादर के अपनी अलग पहचान बनाई और आज के सबसे बड़े सितारों में से एक बन गए। उनकी यह संघर्षभरी राह कहीं न कहीं मुरलीकांत पेटकर की जिंदगी से मिलती-जुलती है—भारत को पैरालंपिक में पहला गोल्ड मेडल दिलाने वाले इस नायक को दशकों तक पहचान नहीं मिली।
इन दोनों की यात्रा का विरोधाभास देखने लायक है। कार्तिक ने अपनी मेहनत और अभिनय क्षमता के दम पर खुद को साबित किया, जबकि मुरलीकांत पेटकर, जिन्होंने देश को गौरवान्वित किया, सालों तक गुमनामी में रहे। लेकिन किस्मत को शायद यह मंजूर नहीं था। एक बाहरी सितारे ने एक अनदेखे चैंपियन की कहानी को दुनिया के सामने लाने का बीड़ा उठाया।
‘चंदू चैंपियन’ जैसे प्रोजेक्ट को चुनना कार्तिक के लिए जोखिम भरा था। एक कम प्रसिद्ध खिलाड़ी पर आधारित बायोपिक बॉक्स ऑफिस का पारंपरिक फॉर्मूला नहीं थी। लेकिन कार्तिक के लिए यह कभी सिर्फ कमाई का खेल नहीं था। यह एक ऐसे नायक की कहानी थी, जो इतिहास के पन्नों में कहीं खो गया था।
