Google News Preferred Source
साइड स्क्रोल मेनू

परिवहन सचिवालय व निदेशालय 11 वर्षो से हिमाचल हाईकोर्ट के आदेशों को दिखा रहा ठेंगा

आदेशों की अनदेखी

सुंदरनगर|
आए दिन अफसरशाही और राजशाही इतनी हावी होती जा रही है कि देश का कानून भी इनके आगे बौना साबित हो कर रह गया है। ऐसी ही एक मामला हिमाचल प्रदेश में सामने आया है जिसमे परिवहन विभाग हिमाचल प्रदेश पिछले 11 वर्षो से सभी नियमों व कानून को धत्ता बताते हुए माननीय हाईकोर्ट के दिए आदेशों को ही ठेंगा दिखाने में जुटा है।

मामला वर्ष 2012 का है जब सुंदरनगर के सामाजिक कार्यकर्ता और कृषि व्यवसायी ने बतौर आमजन की हैसियत से पहले आओ पहले पाओ आधार पर विशेष नंबर 0001 के लिए आरएलए मंडी,सुंदरनगर और फिर देहरा के समक्ष अप्लाई किया। लेकिन कोई अप्रोच ना होने के चलते विभिन्न स्थानों पर उपल्ब्ध 0001 नंबर उन्हे अलॉट ना किया गया।

जिस पर अश्वनी सैनी द्वारा 2013 में उच्च न्यायालय में याचिका (सीडब्लूपी 9089) दायर की गई।जिसकी अंतिम सुनवाई माननीय हिप्र हाईकोर्ट के न्यायधीश राजीव शर्मा और सुरेश्वर ठाकुर ने दिनाक 13 नवंबर 2014 को करते हुए उस समय के परिवहन सचिव गोपाल शर्मा को नंबर 0001 अलॉट करने के आदेश जारी किए। जिसकी अनुपालना हेतू प्रार्थी द्वारा परिवहन सचिव गोपाल शर्मा और विभाग से बार-बार मांग की गई लेकिन परिवहन विभाग कोर्ट आदेशो को लगातार ठेंगा दिखाता रहा।

इसे भी पढ़ें:  आइजी इंटेलीजेंस रामेश्‍वर ठाकुर लोक सेवा आयोग के अध्‍यक्ष नियुक्‍त, सरकार ने जारी की अधिसूचना

जिस पर अश्वनी सैनी ने पुन: उच्च न्यायलय के समक्ष 13.नवंबर .2014 के आदेशो की पालना हेतु वर्ष 2020 में (सीडब्लूपी 215/2020)याचिका दायर की। वही उक्त मामले की सुनवाई के दौरान परिवहन निदेशालय ने माननीय उच्च न्यायलय को अवगत करवाया कि प्रदेश मंत्रिमंडल ने 19 मार्च 2021 को एचपी 33F-0001 नंबर अश्वनी सैनी को अलॉट करने हेतु विशेष अप्रूवल प्रदान कर दी गई है।

वही कोर्ट को विभागीय आदेश पत्र सख्या PTA-7-4/54-SERIES-1089199 Dt 27 मार्च 2021 का हवाला दे बताया कि एसडीएम मंडी को अधिसूचना TPT-A (3)-2013-1 दिनाक 4 जून.2020 में विशेष छूट के आधार पर HP33F-0001 नम्बर प्रार्थी को अलॉट करने के आदेश जारी कर दिए गए है।जिस पर उच्च न्यायलय के न्यायधीश तिरलोक सिंह चौहान और सत्येन वैद्य की अदालत द्वारा 6 नवंबर 2021 को मामले में अंतिम आदेश जारी कर दिए।

हाईकोर्ट व परिवहन निदेशालय के आदेशो के तहत जनवरी 2022 में प्रार्थी ने HP33F-0001 नंबर के लिए एसडीएम मंडी को ऑनलाइन व ऑफ लाइन अप्लाई किया। जिस पर एसडीएम रितिका जिंदल द्वारा आगामी कार्यवाही कर डीआईओ/, एन आईसी मंडी को पत्र सख्या 570–30 दिनाक 9 फ़रवरी 2022 के तहत नंबर अलॉटमेंट हेतु पोर्टल में जरूरी प्रावधान करने हेतू लिखा। अप्लाई करने के तकरीबन 6 माह बाद एसडीएम मंडी द्वारा पत्र सख्या MND/SDM/MLC -1/2022-2135-37 दिनाक 5 जुलाई 2022 द्वारा सूचित किया कि उनके वाहन को HP33F-0001 की जगह गलती से HP33F-3773 क्रमांक पंजीकृत हो गया है और इस संबंध में निदेशक परिवहन विभाग से गलत अलॉट नंबर HP33F-3773 को कैंसल कर उसकी जगह कोर्ट आदेश के तहत HP33F-0001 नंबर अलॉट करने और वाहन पोर्टल में बदलाव कर फीस जमा करने की मांग की गई।

इसे भी पढ़ें:  Cancer Patients Will get Free Medicine in HP: सीएम सुक्खू ने की कैंसर मरीजों के लिए मुफ्त दवाइयां प्रदान करने की घोषणा..!

लेकिन परिवहन निदेशालय और सचिवालय द्वारा कोई भी सुनवाई नहीं की गई। जिस पर प्रार्थी अश्वनी द्वारा विभाग के रवेये से तंग आकर पुन तीसरी बार 2023 में उच्च न्यायलय में न्यायधीश तिरलोक सिंह चौहान और सत्येन वैद्य की अदालत में याचिका दायर की, जिसकी सुनवाई करते हुए न्यायलय ने अश्वनी सैनी को HP33F-0001 अलॉट करने के पूराने आदेशो की एक माह में पालना के आदेश देते हुए केस को 25 जुलाई को सूचिबद्ध किया है।

परिवहन विभाग के तानाशाही पूर्ण रवैये के चलते न्याय में देरी हो रही है। जिसके चलते तीसरी बार मामला हाईकोर्ट पहुंचा है। हाईकोर्ट ने विभाग को पुराने आदेशो की पालना हेतु चार सप्ताह का समय दिया है। यदि अब भी न्याय ना मिला तो ठीक एक माह उपरांत परिवहन विभाग के उच्च अधिकारियो व अन्य के खिलाफ उच्च न्यायलय की अवमानना का मामला का दायर होगा।
– आनंद शर्मा, वरिष्ठ अधिवक्ता उच्च न्यायलय हिप्र

इसे भी पढ़ें:  पूर्व सीएम शांता कुमार की हालत स्थिर

कानून को कुछेक राजनेताओं और अफसरों ने कटपुतली बना कर रखा हुआ है। आमजन के लिए भी कानून और अधिकार बराबर है। यदि अभी भी परिवहन विभाग ने मुझे मेरे अधिकार से वाचित रखा तो सुप्रीम कोर्ट में जानें से भी गुरेज नहीं करुगा और इन सभी सबंधित पर डेमरेज सूट भी अलग से दायर होगा।
– अश्वनी सैनी, याचिका कर्ता सुंदरनगर


YouTube video player
संस्थापक, प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया प्रजासत्ता पाठकों और शुभचिंतको के स्वैच्छिक सहयोग से हर उस मुद्दे को बिना पक्षपात के उठाने की कोशिश करता है, जो बेहद महत्वपूर्ण हैं और जिन्हें मुख्यधारा की मीडिया नज़रंदाज़ करती रही है। पिछलें 9 वर्षों से प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया संस्थान ने लोगों के बीच में अपनी अलग छाप बनाने का काम किया है।

Join WhatsApp

Join Now

Leave a Comment