Google News Preferred Source
साइड स्क्रोल मेनू

बेहद खास है गिरि नदी, उद्गम स्थान और इतिहास के बारे में जानें

बेहद खास है गिरि नदी, उद्गम स्थान और इतिहास के बारे में जानें

भारत का प्राचीन इतिहास जब भी पढ़ा जाता है तो उसमें विभिन्न नदियों का जिक्र ज़रूर होता है, क्योंकि प्राचीन काल में अधिकतर लोग नदी के किनारे से बसते थे। इसलिए आज भी भारत की बहुत सी नदियां बहुत मायने रखती हैं। गंगा, यमुना, कावेरी, सतलुज ऐसी दर्जन से अधिक नदियों को भारत में बेहद ही खास माना जाता है। ये नदियां कई गांव, शहर और राज्य के लिए जीवनदायक का भी काम करती हैं। कई राज्यों में ये नदियां पूजनीय भी हैं।

वैसे हिमाचल प्रदेश की पहाड़ियों से कई नदियां निकलती हैं, लेकिन गिरि नदी एक ऐसी नदी है जो राज्य के लिए बेहद ही खास है। इस लेख में हम आपको गिरी नदी का उद्गम स्थल, महत्व और इतिहास के बारे में बताने जा रहे हैं। आइए जानते हैं। वैसे तो हिमाचल प्रदेश से कई नदियां निकलती हैं, लेकिन गिरि नदी बेहद ही खास मानी जाती है। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड राज्य में मुख्य रूप से बहने वाली गिरि नदी हिमालय से निकलती है।

इसे भी पढ़ें:  प्रदेश में बड़ा चिड़ियाघर स्थापित करने को केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने दी पूर्व स्वीकृति

जी हां, हिमाचल के शिमला में मौजूद जुब्बल तहसील में हिमालय की कोटखाई की पहाड़ियों में स्थित गिरीगंगा मंदिर के समीप से निकलती है। गिरीगंगा मंदिर के समीप से निकलने की वजह से इसे गिरीगंगा नदी के नाम से भी जाना जाता है। आपको बता दें कि शिमला से होते हुए यह नदी सोलन जिले प्रवाहित होती है और सोलन के करीब रामपुर घाटी में यमुना नदी में समाहित हो जाती है।

गिरि नदी हिमाचल के लिए बेहद खास मानी जाती है। जी हां, मुख्य रूप से हिमाचल में बहने वाली इस नदी का पानी स्थानीय लोगों के लिए जीवनदायी का काम करती है। कई जगहों पर इस नदी का पानी पीने योग्य बनाया गया है। नदी का पानी हिमाचल प्रदेश में मौजूद वन क्षेत्रों के लिए काफी अहम् मानी जाती है। इसके अलावा नदी के तट पर अनेक तीर्थ स्थल व मंदिर भी स्थित है जहां हजारों सैलानी घूमने के लिए पहुंचते हैं। नदी के किनारे मौजूद गिरि गंगा मंदिर एक प्रमुख तीर्थ स्थल है।

इसे भी पढ़ें:  Himachal News: जयराम बोले- मस्जिद अवैध है तो करे त्वरित कार्रवाई करे सरकार

गिरि नदी की पौराणिक कथा बेहद दिलचस्प है। जी हां, इस नदी को लेकर लोक मान्यता है कि प्राचीन समय में यहां एक मुनि तपस्या कर रहे थे। मुनि के पास एक कमंडल था जो अचानक गिर गया। उसके बाद मुनि ने कहा हे गंगे अगर तुम आपने मेरे पात्र से गिरना ही कबूल किया है तो आप यहां से गिरीगंगा के रूप में हमेशा बहती रहें। तब से यह नदी इसी स्थान से बहने लगी। एक अन्य मान्यता है कि वनवास काल के दौरान पांडवों ने इसी नदी के किनारे कुछ समय बिताया था। कुछ लोगों का मानना है कि भगवान परशुराम अपनी मां के साथ यहां झील के किनारे रहते थे।

इसे भी पढ़ें:  हिमाचल में शुरू होगी Tourist Helpline, सरकार पर्यटक वाहनों पर SRT व अन्य करों को करेगी कम

गिरि नदी के आसपास घूमने के लिए एक से एक बेहतरीन जगहें मौजूद हैं। उद्गम स्थल पर मौजूद गिरीगंगा मंदिर, नदी के किनारे स्थित शिमला रिज़र्व फ़ॉरेस्ट जैसी बेहतरीन जगहों पर घूमने के लिए जा सकते हैं। इसके अलावा नदी के किनारे सुखद नेचर का भी लुत्फ़ उठा सकते हैं।

YouTube video player
संस्थापक, प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया प्रजासत्ता पाठकों और शुभचिंतको के स्वैच्छिक सहयोग से हर उस मुद्दे को बिना पक्षपात के उठाने की कोशिश करता है, जो बेहद महत्वपूर्ण हैं और जिन्हें मुख्यधारा की मीडिया नज़रंदाज़ करती रही है। पिछलें 9 वर्षों से प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया संस्थान ने लोगों के बीच में अपनी अलग छाप बनाने का काम किया है।

Join WhatsApp

Join Now

Leave a Comment