शिमला|
हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर को बंद किए जाने के बाद भी विजिलेंस की जांच जारी है। ताज़ा जानकारी के अनुसार जेओए आईटी पेपर लीक मामले में विजिलेंस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए जेओए आईटी के पदों के लिए आवेदन करने वाले उन एक दर्जन अभ्यर्थियों के मोबाइल फोन कब्जे में लिए हैं। बताया जा रहा है कि इन अभ्यर्थियों ने फोन पर आयोग के पूर्व सचिव डॉ. जितेंद्र कंवर, गोपनीय शाखा की वरिष्ठ सहायक उमा आजाद या आयोग के अन्य अधिकारियों तथा दलाल संजीव कुमार से बातचीत की है।
विजिलेंस मोबाइल फोन कब्जे में लेने के बाद इन्हें जांच के लिए एफएसएल लैब भेजा है। खास बात यह है कि अगर किसी अभ्यर्थी ने मोबाइल फोन पर कोई डाटा डिलीट किया होगा तो वह भी लैब में रिकवर हो जाएगा। इसके साथ ही प्रदेश भर से तीन दर्जन अभ्यर्थियों को पूछताछ के लिए विजिलेंस थाना हमीरपुर भी तलब किया गया है।
आयोग के अधिकारियों और कर्मचारियों से किस संदर्भ में फोन पर इन अभ्यर्थियों की बातचीत हुई, इसकी जांच की जा रही है। अगर व्हाट्सएप के माध्यम से प्रश्नपत्र लीक हुआ है तो यह कितने अभ्यर्थियों के पास पहुंचा, इसका भी पता चलेगा। इसके अलावा पेपर हासिल करने के लिए कितनी रकम चुकाई, यह भी सामने आएगा।
फिलहाल विजिलेंस ने बीते सोमवार 626 पन्नों की चार्जशीट समेत चालान हमीरपुर न्यायालय में पेश कर दिया है। इसमें वरिष्ठ सहायक उमा आजाद समेत आठ आरोपियों के नाम शामिल हैं। इसके साथ ही विजिलेंस लंबे समय से प्रदेश सरकार से पूर्व सचिव के खिलाफ मामला दर्ज करने की अनुमति मांग रही है, जोकि अभी तक नहीं मिली है। अगर सरकार पूर्व सचिव के खिलाफ मामला दर्ज करने की मंजूरी देती है तो अनुपूरक चार्जशीट पेश की जाएगी।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजिलेंस हमीरपुर रेणू शर्मा ने बताया कि विजिलेंस ने जेओए आईटी के पदों के लिए आवेदन करने वाले उन अभ्यर्थियों के मोबाइल फोन कब्जे में लिए हैं, जिन्होंने फोन पर आयोग के पूर्व सचिव डॉ. जितेंद्र सांजटा, गोपनीय शाखा की वरिष्ठ सहायक उमा आजाद या अन्य अधिकारियों तथा दलाल संजीव कुमार से बातचीत की है।










